Indore में Love Jihad का मामला, 10 दिन पहले लापता हुई student Aligarh से मिली

 

2 अक्टूबर को इंदौर के गोविंद नगर में रहने वाले एक पिता ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पिता का कहना था कि उनकी बेटी घर से सहेली से मिलने जाने का कहकर निकली थी, लेकिन 24 घंटे के बाद भी घर पर नहीं पहुंची। पिता की शिकायत पर पुलिस ने 20 से अधिक स्थानों के कैमरे खोजे तो एक जगह पर युवती अपनी सहेली के साथ जाती हुई दिखी लेकिन लौटते हुए सहेली अकेली ही दिखाई दी। इसके बाद जब सहेली से पूछताछ की गई तो पता चला है कि युवती को शाहरुख नाम का मुस्लिम युवक अपने साथ ले गया है। शनिवार को युवती और शाहरुख को अलीगढ़ से पकड़ लिया है और रविवार को इंदौर लाया गया है। 10 दिन से लापता युवती को उसके परिवार वालों को सुपुर्द कर दिया गया है। इस प्रकरण में बताया जा रहा है कि युवक ने बहला-फुसलाकर छात्रा से दोस्ती की और साजिश के तहत अपने साथ लेकर भाग गया। इस घटना को लव जिहाद से जोड़कर देखा जा रहा है।

 

लगातार लोकेशन बदल रहा था शातिर आरोपी, 5 दिनों तक पुलिस ने लोकेशन से पीछा किया

बताया जा रहा है कि आरोपी युवती को लेकर अपनी लोकेशन लगातार बदल रहा था। दोनों के मोबाइल बार-बार स्विच ऑफ किए जा रहे थे। उन्हें ढूँढने के लिए 5 पुलिसकर्मियों की टीम ने पांच दिनों तक लोकेशन ट्रैक की और आरोपी का पीछा किया। दोनों की लोकेशन बार-बार बदलने के कारण उन्हें ट्रेस करने में परेशानी आ रही थी। उनकी लोकेशन दिल्ली मिली तो पुलिस उन्हें ढूँढने दिल्ली पहुँच गई। लेकिन वहाँ पहुंचते ही अगली लोकेशन अलीगढ़ मिलने लगी। जिसके बाद पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की सहायता से तत्काल वहाँ पहुंचकर छात्रा और आरोपी युवक शाहरुख को पकड़ लिया। उन्हें रविवार को इंदौर लाया गया है जहां उनका मेडिकल और बयान लिया जाएगा।

 

सोशल मीडिया से ढूँढे आरोपी के फोटो, हिन्दू जागरण मंच के दबाव में जल्दी हुई कार्रवाई

बताया जा रहा है कि छात्रा के परिवार ने सोशलमीडिया से शाहरुख के फोटो-वीडियो और मोबाइल नंबर निकालकर पुलिस को सौपे, जिसके माध्यम से ही आरोपी शाहरुख को ट्रेस करने में सहायता मिली। तो वहीं यह भी बताया जा रहा है कि पिता की शिकायत के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी। जिसके बाद पिता ने हिन्दू जागरण मंच से संपर्क किया। हिन्दू जागरण मंच ने इसके बाद बाणगंगा थाने के टीआई से संपर्क किया और 24 घंटे में लड़की को ढूँढने का अल्टिमेटम दिया। संगठन ने दबाव बनाया कि यदि छात्रा को ढूँढने में देरी की जाएगी तो वे आंदोलन करेंगे। इसके बाद से ही इस प्रकरण में तीव्रता आई।

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