मध्य प्रदेश लोकायुक्त ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), नर्मदापुरम के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर आर.सी. तिरोले को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।
आर.सी. तिरोले, पीडब्ल्यूडी, नर्मदापुरम संभाग के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर, को रविवार शाम उनके सरकारी आवास पर रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा गया।
ठेकेदार ने 27 जुलाई को लोकायुक्त से शिकायत की थी कि तिरोले आठ सड़कों के निर्माण का काम बढ़ाने के लिए 20 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था, जबकि बकाया राशि लगभग 15 करोड़ रुपये थी।
लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद एक जाल बिछाया और तिरोले को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया। इस टीम का नेतृत्व डीएसपी अनिल बाजपेयी ने किया, जिसमें डीएसपी संजय शुक्ला, निरीक्षक नीलम पटवा, निरीक्षक उमा कुशवाह, प्रधान आरक्षक बृज बिहारी पांडेय, आरक्षक राजेंद्र पवन, और आरक्षक मनमोहन साहू शामिल थे।
शिकायतकर्ता के अनुसार, रिश्वत की मांग के बाद सौदा 12 लाख रुपये में तय हुआ था। डीएसपी अनिल बाजपेयी ने पुष्टि की कि शिकायत सही थी और तिरोले के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।