प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बार-बार उज्जैन जाने को लेकर नाराज़गी जताई है। ये बात अंग्रेज़ी अखबार इंडियन एक्स्प्रेस में प्रकाशित एक ख़बर के हवाले से सामने आई है। ख़बर के मुताबिक ये वाकया कुछ दिनों पहले दिल्ली में आयोजित भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक का है, जब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश की सीटों के प्रत्याशियों के नाम पर मंथन किया जा रहा था। क्या है पूरा मामला, आइए विस्तार से जानते हैं।
लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नामों पर विचार करने के लिए दिल्ली में भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठकों का दौर जारी है। प्रधानमंत्री होने के नाते पीएम मोदी भी इस समिति का हिस्सा हैं। वे लगभग सभी बैठकों का हिस्सा बन रहे हैं और मुख्य सीटों पर अपने सुझाव भी दे रहे हैं। ऐसी ही एक बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें मध्यप्रदेश के उम्मीदवारों पर चर्चा होनी थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते सीएम मोहन भी बैठक में उपस्थित थे।
पीएम मोदी ने जब समिति के सदस्यों से पूछा कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र से किसे टिकट देना चाहिए। तो सीएम मोहन ने अमुक प्रत्याशी के नाम का सुझाव रखा। इस पर पीएम ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अमुक प्रत्याशी को टिकट देने की वजह पूछी। सीएम मोहन ने जवाब दिया कि वे अधिकांश समय भोपाल में रहते हैं, ऐसे में अमुक प्रत्याशी इंदौर के साथ-साथ उज्जैन पर ध्यान देने के लिए भी पर्याप्त रूप से मज़बूत है। इस तरह पार्टी राज्य के पूरे मालवा क्षेत्र की देखभाल कर सकती है।
सीएम मोहन की इस बात पर प्रधानमंत्री मोदी कथित तौर पर नाराज़ हो गए। उन्होंने सीएम मोहन से कहा कि आप भोपाल में कम समय बिताते हैं और अक्सर उज्जैन आते-जाते रहते हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आप इंदौर की चिंता करना छोड़ दें, जो ज़िम्मेदारी दी गई है, उसपर ध्यान दें। ख़बर ये भी है कि जब सीएम मोहन ने अपने इंदौर दौरे के बारे में बताना चाहा, तो उन्हें बीच में ही रोक दिया गया।
आपको बता दें कि ये बात इंडियन एक्स्प्रेस अखबार के 25 मार्च को जारी गए अंक में प्रकाशित एक आर्टिकल के हवाले से सामने आई है, जिसे शाहिद फरीदी नाम के पत्रकार ने लिखा है। इस पूरी बातचीत से 2 बड़ी बातें निकलकर सामने आती हैं। पहली ये कि विदेश यात्राओं, लोकसभा चुनाव की तैयारियों और प्रधानमंत्री पद के अन्य दायित्वों के बाद भी पीएम मोदी की मध्यप्रदेश की राजनीति पर पैनी नज़र है। दूसरी बात ये कि नए मुख्यमंत्री मोहन यादव का बार-बार उज्जैन जाना और उज्जैन के लिए करोड़ों के प्रोजेक्ट्स की घोषणा करना प्रधानमंत्री मोदी से भी छुपा नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी की कथित नाराज़गी से एक और बात साफ़ है कि उन्हें सीएम मोहन द्वारा अपने गृह क्षेत्र को हद से ज्यादा तवज्जो देना कुछ जम नहीं रहा। राजनीति के जानकार इस बैठक का अपने-अपने हिसाब से मतलब निकाल रहे हैं। अब देखना ये होगा कि सीएम मोहन प्रधानमंत्री मोदी की बात सुनकर उज्जैन जाने के शेड्यूल में क्या कुछ बदलाव करते हैं।