रतलाम के पास स्थित जावरा में गुरुवार रात दो असामाजिक तत्वों ने गाय के बछड़े की गर्दन काट उसे एक मंदिर में फेंक दिया। सुबह होने से पहले ही पुलिस ने गर्दन व सिर दफनाकर मंदिर धुलवा दिया। पुलिस ने पूरी कोशिश की कि इस नृशंस कृत्य की जानकारी किसी तक न पहुंचे। लेकिन सुबह होते-होते यह ख़बर पूरे शहर में आग की तरह फेल गई। सैंकड़ों लोग लाठी-डंडे लेकर सड़क पर आ गए, कई हिंदू संगठनों से जुड़े युवा आक्रोशित होकर बाजारों में घूमने लगे, जावरा बंद का ऐलान करने लगे। कुछ दुकानदारों के शटर बंद करवाए गए। कइयों ने अपराध के विरोध में खुद ही अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए।
आरोपियों ने बछड़े का कटा सिर शहर के प्रसिद्ध जगन्नाथ महादेव (बड़े शंकर) मंदिर में फेंका था। सुबह जब पुजारी पहुंचे तो उन्होंने गोवंश का कटा सिर देखा। इस जघन्य अपराध को दो मुस्लिम लड़कों ने अंजाम दिया, जिनका नाम शाकिर और सलमान है। दोनों को पुलिस ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे गिरफ्तार कर लिया। दोपहर सवा 2 बजे दोनों आरोपियों के घरों को भी ज़मींदोज़ कर दिया गया। इन दोनों ने ये सब शहर की हवा खराब करने और दंगे भड़काने के उद्देश्य से किया था। दोनों से पूछताछ जारी है।
इस मामले ने शुक्रवार को जावरा का हाल-बेहाल कर दिया। हिंदू इतने आक्रोशित हो गए कि शांति स्थापित करने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए। सुबह से ही संघ और बजरंग दल के कारकर्ता ऐक्टिव हो गए थे। कार्यकर्ताओं ने दुकानों के अलावा कई बैंकों के भी शटर गिरा दिए। रेल्वे फाटक का भी घेराव किया गया। इसी बीच एक समूह ने जाकर नयागाँव-जावरा फोरलेन जाम कर दिया, जिसे 4 घंटों तक फिर से शुरू नहीं किया जा सका। भीड़ आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने के अलावा शहर में जुलूस निकलवाने की बात को लेकर भी अड़ गई। फिर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर जैसे-तैसे लोगों को शांत किया।
शहर में एक जगह दोनों पक्ष आमने सामने भी हुए, दोनों पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई, जिससे आस-पास के वाहन आहत हुए। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने शहर के रपट व पैलेस क्षेत्र में आँसू गैस के गोले भी छोड़े और हल्के बल का प्रयोग भी किया। इधर शहर काज़ी ने लोगों से शांति बनाए रखने और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक बातें न फैलाने का आग्रह किया है।