रतलाम में शनिवार को एक ऐसा मामला घटित हुआ जिसने शहर की सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की. जिस प्रकार रामनवमी एवं अन्य त्योहारों पर एक समुदाय द्वारा पत्थरबाजी की घटनाएँ होती रही है, कुछ वैसी ही रतलाम में भी देखने को मिली.
घटना रतलाम के मोचिपुरा इलाके की है. बताया जा रहा है कि शनिवार को गणेश प्रतिमा की यात्रा निकाली जा रही थी. यात्रा में बच्चे-महिलाएं-युवा सभी वर्ग के लोग थे. खेतालपुर से मूर्ति लेकर यात्रा मेहंदिकुई बालाजी होते हुए मोचीपुरा जा रही थी. लेकिन मोचीपुरा में अचानक से यात्रा पर अँधेरे से किसी ने मूर्ति पर पत्थर फेंका. इससे यात्रा में मौजूद लोगों में भगदड़ की स्थिति बन गई थी. लोगों का कहना है कि पत्थर से मूर्ति खंडित भी हो सकती थी.
इस घटना के बाद लगभग 500 लोगों ने पुलिस थाणे पहुंच कर जमकार नारेबाजी भी की और अज्ञात लोगों पर fir भी दर्ज करवाई. बताया जा रहा है कि fir के बाद जब पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो हिन्दू समाज के लोग भी वहां एकत्रिटी हो गए. इसके बाद फिर से पत्थरबाजी हुई जिसमें पुलिस की गाड़ी का कांच भी फूट गया. अपने बचाव में हिन्दू पक्ष को भी पत्थर फेंककर बचना पड़ा. पुलिस ने यहाँ हल्का बल प्रयोग कर के भीड़ को भगाया. जिसके बाद रात भर पुलिस गश्त करती रही.
इस घटना पर विश्व हिन्दू परिषद् के गौरव शर्मा का कहना है कि त्यौहार आने के पहले ही इस तरह का षड्यंत्र रचा गया हो सकता है. उन्होंने कहा है कि यहाँ 15-20 वर्षों से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिन्दू कार्यक्रम होते आ रहे हैं जिन्हें रोकने के लिए ऐसी साजिश रची जा सकती है. बता दें की जिस स्थान पर पांडाल है और जहाँ मूर्ति की स्थापना की गई है, वह स्थान मुस्लिम बहुल क्षेत्र में आता है.
इस विषय को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए cctv कैमरे खंगाले हैं और कुछ संदिग्ध मुस्लिम समुदाय के लोगों को फूटेज के आधार पर हिरासत में भी लिया है.