Indore। मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान शाजापुर सीट से काँग्रेस के हुकूमसिंह कराड़ा (Hukum Singh Karada Shajapur) को बीजेपी के अरुण भीमावद (Arun Bhimavad BJP) ने 28 वोट के अंतर से हरा दिया था। इस हार के बाद कॉंग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी हुकूम सिंह कराड़ा ने पोस्टल बेलेट मे धांधली के आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव अधिकारी द्वारा 158 पोस्टल बेलेट निरस्त किए गए। यदि यह गिने जाते तो मेरी यानि काँग्रेस प्रत्याशी हुकूमसिंह कराड़ा की जीत होती। क्योंकि ईवीएम मे हम ही जीते है।

क्या है पूरा केस, कैसे विधायक दोस्त को मेयर भार्गव ने दिलाई जीत
2023 के विधानसभा चुनाव में जब शाजापुर से काँग्रेस के उम्मीदवार हुकूमसिंह कराड़ा 28 वोट के अंतर से हार गए तो उन्होंने पोस्टल बेलेट मे धांधली के आरोप लगाए और कहा कि वोट गिने ही नहीं गए, इसी आधार पर हुकूमसिंह कराड़ा ने इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई, इस याचिका पर बीजेपी के जीते हुए विधायक अरुण भीमावद की ओर से इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पैरवी की। 12 नवंबर को इस मामले पर लगभग तीन घंटे सुनवाई हुई और 17 नवंबर को इस मामले पर आदेश आया, जिसमे काँग्रेस के हुकूमसिंह कराड़ा की याचिका खारिज कर दी गई।
महापौर का अधिवक्ता अवतार, तर्क ऐसे कि कोई काट न सकें
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सुनवाई के दौरान कई अकाट्य तर्क रखें, पूरी तैयारी के साथ पहुँच मेयर भार्गव ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के भी एक केस का हवाला दिया साथ ही समानांतर कानून के बारे मे भी बताया। जिसके बाद मामला पूरा साफ हो गया था।
पुष्यमित्र भार्गव की इस जीत के बाद नागरिकों मे भी इस बात की चर्चा है कि राजनीति में पढे-लिखें युवाओ की कितनी अधिक जरूरत हैं।
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