Indore News । इंदौर में होली के अगले दिन यानि शनिवार को एक बड़ा मामला सामने आया, शनिवार की दोपहर को इंदौर में कानून के रक्षक ही सड़क पर आमने-सामने हो गए। यह लड़ाई इतनी भयंकर थी कि वकीलों ने थाना प्रभारी की ही वर्दी फाड़ दी। वकीलों ने थाना प्रभारी पर आरोप भी लगाया कि वह शराब पीकर आया था। अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच चल रहीं है।
पूरा मामला जानिए, होली पर रंग फेंकने से हुआ था विवाद शुरू ( Indore News)
मामला होली के दिन छोटी सी घटना से शुरू हुआ था, जब कुलकर्णी का भट्टा का रहने वाला कालू गौड़ एक्टिवा से जा रहा था, इस दौरान रास्ते मे होली खेल रहें दो बच्चों ने उसपर रंग उड़ा दिया। इससे नाराज उस व्यक्ति ने बच्चों को रंग उड़ाने से रोका तो वकील अरविन्द जैन नाम का व्यक्ति वहाँ पहुंचा और कालू ओर अरविन्द मे झगड़ा हो गया। इस लड़ाई में अरविन्द के लड़के अपूर्व और अर्पित भी झगड़े की जगह पहुँच गए और कालू के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच घटनास्थल पर पुलिस पहुँच गई और कालू की पिटाई कर रहें लोगों पर डंडे बरसा दिए, इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ा और इस मामले पर शनिवार को वकीलों ने पहले परदेशीपुरा थाने का घेराव किया और फिर हाईकोर्ट चौराहे पर भी चक्काजाम कर दिया। कहा जा रहा है कि अरविन्द जैन वकील है और सारे वकील उसी के समर्थन मे उतरे थे।
TI को दौड़ाया और कपड़े फाड़ दिए (Indore News)
इस आम झगड़े को तूल तब मिला, जब होली के अगले दिन यानि शनिवार को वकीलों ने पहले परदेशीपुरा थाने का घेराव किया और इसके बाद हाईकोर्ट चौराहे का घेराव किया। हाईकोर्ट चौराहे का चक्काजाम खुलवाने के लिए जब पुलिसबल पहुंचा तो पुलिस अधिकारियों की वकीलों से बहस हो गई, इस दौरान वकीलों ने थाना प्रभारी जितेंद्र यादव (TI Jitendra Yadav) के साथ मारपीट कर दी, मारपीट के दौरान वकीलों ने थाना प्रभारी की वर्दी भी फाड़ दी।
इंदौर मे वकीलों का थाना प्रभारी के साथ झगड़े का विडिओ देखने के लिए क्लिक करें
डीसीपी ने पाँच पुलिसकर्मियों को कर दिया सस्पेंड, जांच के बाद ओर पर भी गिर सकती है गाज (Indore News)
मामले की गंभीरता को देखते हुए इंदौर डीसीपी अमरेन्द्र सिंह ने 5 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है और जांच के आदेश दे दिए गए है, निष्पक्ष जांच के लिए जरूरत पड़ी तो ओर भी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा सकता है। इसके बाद वकीलों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया।
वकीलों का आरोप, TI ने पी हुई थी शराब (Indore News)
इंदौर मे FIR होने के बाद वकीलों ने पहले परदेशीपुरा थाने पर घेराव किया और इसके बाद हाईकोर्ट चौराहे पर चक्काजाम किया, चक्काजाम को खुलवाने के लिए तुकोंगंज थान (Tukoganj Thana) के TI जितेंद्र यादव आए, चक्काजाम खुलवाने आए जितेंद्र यादव के साथ ही वकीलों ने खींचतान शुरू कर दी। वायरल विडिओ मे वकीलों ने जितेंद्र यादव की वर्दी पकड़कर उसे खींचा और जब थाना प्रभारी भागने लगे तो पीछा करके सड़क पर गिरा दिया।
थाना प्रभारी के साथ हुई झड़प और मारपीट पर वकीलों ने कहा कि पुलिस के ये अधिकारी शराब पीकर घटनास्थल पर आए थे, इस कारण ऐसा हुआ, जबकि TI ने इस तरह के सभी आरोप खारिज किए। TI ने कहा कि वो एक मीटिंग से लौटे और जैसे ही उन्हे चक्काजाम के बारे मे पता चला वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे।
CM मोहन यादव से मिलेंगे वकील (Indore News)
इस पूरे मामले पर तुरंत ही डीसीपी अमरेन्द्र सिंह ने जांच शुरू कर दी है, तत्काल प्रभाव से पाँच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया है, ताकि निष्पक्ष जांच हो सकें, लेकिन वकीलो मे इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है और उनका कहना है कि इस मामले पर वो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिलकर अपनी बात रखेंगे।
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वकील अरविन्द जैन ने लगाया, पुलिस पर मारपीट का आरोप (Indore News)
इस घटना के बाद पुलिस वकील अरविन्द जैन को थाने ले गई, थाने से आने के बाद वकील ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके साथ थाने मे मारपीट की गई है, इसलिए पुलिसवालों पर कार्यवाही होना चाहिए, वहीं पुलिस ने कहा है कि हमारे पास CCTV और मेडिकल रिपोर्ट के साक्ष्य है।
वही मीडिया मे यह बात भी आई है कि वकील पिता-पुत्र पर ये पहला केस नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हो चुके है। बंसल न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार जैन पिता-पुत्र पर इंदौर के एमजी रोड थाना, परदेशीपूरा थाना और सीहोर के अष्टा मे भी प्रकरण दर्ज है।
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2023 के विधानसभा चुनाव में जब शाजापुर से काँग्रेस के उम्मीदवार हुकूमसिंह कराड़ा 28 वोट के अंतर से हार गए तो उन्होंने पोस्टल बेलेट मे धांधली के आरोप लगाए और कहा कि वोट गिने ही नहीं गए, इसी आधार पर हुकूमसिंह कराड़ा ने इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई, इस याचिका पर बीजेपी के जीते हुए विधायक अरुण भीमावद की ओर से इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पैरवी की। 12 नवंबर को इस मामले पर लगभग तीन घंटे सुनवाई हुई और 17 नवंबर को इस मामले पर आदेश आया, जिसमे काँग्रेस के हुकूमसिंह कराड़ा की याचिका खारिज कर दी गई।
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महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सुनवाई के दौरान कई अकाट्य तर्क रखें, पूरी तैयारी के साथ पहुँच मेयर भार्गव ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के भी एक केस का हवाला दिया साथ ही समानांतर कानून के बारे मे भी बताया। जिसके बाद मामला पूरा साफ हो गया था।
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