मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर दोनों पार्टियों ने बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। एक ओर भाजपा मंत्रियों की लीडरशिप समिट के माध्यम से प्लानिंग कर रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदेश के अलग-अलग अंचलों में घूमकर कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं। भाजपा का फोकस इस बार 29 में से 29 सीट जीतने पर है, तो वहीं कांग्रेस उन इलाकों में पकड़ बनाना चाह रही है, जहां विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।
भोपाल में आयोजित कैबिनेट मंत्रियों की लीडरशिप समिट के आखिरी दिन भाजपा प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह ने साफ़ तौर पर कहा कि 29 में से एक भी सीट को किसी के भरोसे नहीं छोड़ सकते, इसलिए ग्राउन्ड लेवल पर मंत्रियों को खुद की लीड करना होगा। मंत्रियों पर विशेष जिम्मेदारी होगी कि वे आगे आकर प्रचार का जिम्मा उठाएं।
बता दें कि 9 फरवरी से भाजपा का गाँव चलो अभियान शुरू होने वाला है, जिसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता, संगठन के पदाधिकारी, कैबिनेट मंत्री व विधायक अपने क्षेत्र के गांवों में जाकर रात रुकेंगे। वे किसी वरिष्ठ नेता या कार्यकर्ता के घर पर अथवा किसी मंदिर में जाकर रुकेंगे। गाँव चलो अभियान को लोकसभा चुनावों की तैयारियों के पहले की जाने वाली वॉर्म-अप ऐक्टिविटी के रूप में देखा जा रहा है।
भाजपा से इतर अगर कांग्रेस की बात की जाए तो बीते रविवार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ने ग्वालियर-चंबल अंचल का दौरा किया। इस दौरान कई जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन और बैठकों का भी आयोजन किया गया। ग्वालियर-भिंड-मुरैना के नेताओं ने कहा कि यदि पार्टी स्थानीय उम्मीदवारों को लोकसभा चुनावों में टिकट देती है, तो हम सीट जिताकर दिखाएंगे।
ग्वालियर में आयोजित लोकसभा समन्वयकों की बैठक में डबरा से विधायक सुरेश राजे ने कहा कि कई शिकायतों के बाद भी अनुशासनहीनता और भितरघात करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इस पर ग्वालियर ग्रामीण विधायक साहब सिंह व ग्वालियर से प्रत्याशी रहे सुनील शर्मा ने भी सहमति दर्ज की। इस पर भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि जो हुआ सो हुआ। लेकिन, अब किसी को माफ़ नहीं किया जाएगा।
इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार हर हफ्ते कर्ज ले रही है और धार्मिक आयोजनों पर खर्च कर रामराज्य लाने की बात कर रही है, लेकिन रामराज्य ऐसा तो नहीं था, जहां आए दिन गैंगरेप की घटनाएं सामने आ रही हैं। ग्वालियर-चंबल में अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है।
पटवारी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोलते हुए कहा कि ग्वालियर चंबल के लोगों ने दलबदलुओं का हश्र देखा है। आज सिंधिया जी खुद तो केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन उनके साथ जो लोग कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे, उनमें से 90% की राजनीति ठप हो चुकी है। पटवारी ने इस दौरान लाड़ली बहना योजना को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा।