बुधवार सुबह भाजपा ने मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाने वाले 4 उम्मीदवारों की घोषणा की। यूं तो संगठन की बैठकों में इस बात को लेकर चर्चाएं थी कि जिस तरह विधानसभा में सीएम मोहन के नेतृत्व में नई टीम खड़ी की गई है, उसी प्रकार राज्यसभा में भी युवा चेहरों को भेजा जाएगा। चारों नामों में कोई युवा उम्मीदवार तो नहीं है, लेकिन एक नाम ऐसा है जिसने सबको चौंका दिया।
यह नाम है संत बालयोगी उमेश नाथ जी महाराज का, जिन्हें भाजपा ने राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया है। बता दें कि आज राज्यसभा के नामांकन की अंतिम तिथि है। इस रिपोर्ट में आइए जानते हैं कि कौन हैं संत उमेश नाथ महाराज और इनके चर्चा में आने की वजह क्या है?
योगी उमेश नाथ जी वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर हैं। उनका धर्म और आध्यात्म के अलावा राजनीति से भी गहरा नाता रहा है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की सरकार में इन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था, दिग्विजय सिंह की सरकार में इन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था। पूर्व सीएम दिग्विजय इन्हें अपना गुरु भी मानते थे। बालयोगी उमेशनाथ जी दोनों ही पार्टियों में पूजनीय हैं। कांग्रेस के साथ-साथ उमेशनाथ जी बीजेपी के शीर्ष नेताओं में भी लोकप्रियता रखते हैं।
संघ प्रमुख मोहन भागवत हों या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अगर मध्यप्रदेश आएंगे तो वाल्मीकि धाम जाए बिना वापस नहीं लौटेंगे। अमित शाह ने तो उज्जैन सिंहस्थ के दौरान उमेशनाथ जी महाराज और अन्य संतों के साथ क्षिप्रा जी में समरसता स्नान भी किया था। इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जब भारत जोड़ों यात्रा के लिए मध्यप्रदेश आए थे, तो उनका भी वाल्मीकि धाम जाने का कार्यक्रम था, जो किसी कारणवश स्थगित हो गया।
आपको बता दें कि उमेश नाथ जी महाराज मध्यप्रदेश के इकलौते संत थे, जिन्हें अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा में सम्मिलित होने का आमंत्रण मिला था और वे भरपूर उत्साह के साथ उज्जैन के संतों के साथ मिलकर इस आयोजन में शामिल भी हुए थे। इस बार बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का निर्णय किया है। इस फैसले से उमेश नाथ जी महाराज के समर्थकों में उत्साह है।
उमेश नाथ जी के अलावा बीजेपी ने तीन अन्य नामों की घोषणा भी की है, जिसमें बंसीलाल गुर्जर, एल. मुरूगन और माया नरोलिया शामिल हैं।