इंदौर का प्रेस्टीज कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। कारण अब भी वही है। वार्षिकोत्सव में कुछ विद्यार्थियों द्वारा मादक पदार्थों का सेवन, गाली-गलौच और मारपीट। शुक्रवार रात भी ऐसा ही कुछ हुआ। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले वार्षिकोत्सव ‘मंथन’ के दौरान मामूली सी बात पर छात्रों के बीच मारपीट हुई, जिसमें 1 छात्र का सिर फट गया और कई छात्र घायल भी हो गए। इस घटना का संज्ञान लेते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शनिवार सुबह प्रेस्टीज कॉलेज में जाकर जमकर प्रदर्शन किया। परिणामस्वरूप कॉलेज प्रशासन ने आयोजन रद्द कर दिया और सभी आरोपों की जांच के लिए कमिटी बनाने का लिखित आश्वासन भी दिया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) महामंत्री सार्थक जैन ने बताया कि प्रेस्टीज कॉलेज के मंथन फ़ेस्ट में अतिरिक्त कमाई के उद्देश्य से पास बेचकर बाहरी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। बाहरी छात्र हंगामा करते हैं और लड़कियों के साथ अभद्र व्यवहार भी करते हैं। इतने बड़े आयोजन को देखते हुए परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम भी नहीं थे। इस पूरी घटना के दौरान फैकल्टी मेंबर व प्रबंधन के अन्य लोग भी वहाँ मौजूद थे, लेकिन उनके सामने भी यह सब होता रहा। यह सरासर कॉलेज प्रशासन की नाकामी है।
सूचना मिली है कि मुख्य आरोपी आदित्य चौधरी ने अपने साथियों नीलेश चौधरी और ऋतिक चौधरी के साथ मिलकर आदित्य सिंह और उसके साथियों के साथ मारपीट की, जिसमें आदित्य सिंह को गहरी चोटें आईं। कुछ अन्य विद्यार्थी भी गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें अरबिंदो और एमव्हाय हॉस्पिटल ले जाया गया।
ख़बर है कि कॉलेज प्रशासन के पास इस आयोजन की अनुमति भी नहीं थी। इसके पहले भी परिसर में कई विवाद हो चुके हैं। घटना को गंभीरता से लेते हुए अभाविप के छात्रों ने शनिवार दोपहर परिसर पहुँच कर जमकर हंगामा किया और आयोजन रद्द करने की मांग की। महामंत्री सार्थक जैन ने बताया कि कॉलेज की एक फैकल्टी का कहना है कि ऐसे आयोजनों में मारपीट और विवाद तो होते रहते हैं। लेकिन, कॉलेज प्रशासन ने मुद्दे की गहराई को समझा और अंतिम दिन यानि 6 अप्रैल का आयोजन रद्द करने के आदेश दिए। साथ ही अभाविप को सोमवार को कमिटी बैठाकर विवाद की वजह ढूँढने और दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया।
आपको बता दें कि यह बात सिर्फ प्रेस्टीज कॉलेज की ही नहीं है। शहर के अन्य कॉलेजों के वार्षिकोत्सव में भी ऐसे विवाद होने की खबरें सामने आते रहती हैं। फ़ेस्ट की कमिटी स्पान्सर्स से लाखों रुपए की राशि लेकर बड़े-बड़े बैंड, डीजे और सिंगरों को बुलाती है। ऐसे आयोजनों को सफल बनाने और अतिरिक्त कमाई करने के उद्देश्य से छात्र पास बेचकर बाहरी लोगों को भी हिस्सा बना लेते हैं। इतने लोगों के लिए व्यवस्था कॉलेज प्रशासन नहीं कर पाता। फ़ेस्ट की कमिटी बाउंसर तो बुलाती है, लेकिन बड़े झगड़ों में वे भी कुछ नहीं कर पाते।
एक और मुद्दा कॉलेज के गेट पर होने वाली चेकिंग का भी है। जब बाहर सबके पास चेक किए जा रहे थे, तो विद्यार्थी धारदार हथियार लेकर अंदर कैसे आए? बहरहाल, घायलों का इलाज जारी है और कार्यक्रम रद्द हो चुका है। अब देखना ये होगा कि प्रेस्टीज कॉलेज प्रशासन भविष्य में होने वाले आयोजनों के लिए क्या सावधानियाँ बरतता है।