सोमवार को भोपाल स्थित विधानसभा भवन में नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। लेकिन, डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए इस विधानसभा सत्र के पहले ही दिन बड़ा हंगामा खड़ा हो गया। हंगामा इस बात पर हुआ कि अध्यक्ष की कुर्सी के पीछे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर की जगह बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर लगा दी गई है। इस पर कांग्रेस की ओर से पंडित नेहरू की तस्वीर पुनः लगाने की मांग की गई है। कांग्रेस विधायकों ने चेतावनी दी है कि अगर तस्वीर फिर से नहीं लगाई गई, तो कांग्रेस विधायक खुद तस्वीर वहाँ लगाएंगे।
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी (आसंदी) के पीछे दो तस्वीरें लगी हैं। पिछले सत्र तक जिनमें से एक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की थी और दूसरी पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की। लेकिन, सोमवार को सभागार के भीतर पहुंचते ही विधायक देखते हैं कि नेहरू जी की तस्वीर को हटाकर संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर लगा दी गई है।
इस पर कांग्रेस विधायकों ने कहा है कि यह भारत के पहले प्रधानमंत्री का अपमान है और कांग्रेस इसे कतई सहन नहीं करेगी। कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए नेहरू की तस्वीर को पुनः लगाने की मांग की है। यदि ऐसा न हुआ तो उन्हें ही यह काम करना पड़ेगा। कांग्रेस ने इस बात का आग्रह विधानसभा अध्यक्ष के साथ-साथ भाजपा विधायकों से भी किया है।
कांग्रेस की ओर से मीडिया विभाग उपाध्यक्ष ने कहा है कि विधानसभा में से नेहरू की तस्वीर को हटाया जाना सरासर निंदनीय है। पहले प्रधानमंत्री का ऐसा अपमान भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है। इस गलती को न सुधारना भाजपा को महंगा पड़ सकता है।