22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रही है। हर पल नई अपडेट्स आ रही हैं। पूरे देश में बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच रामलला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया है। फिलहाल, मूर्ति की आँखों पर पट्टी बंधी हुई है, जिसे 22 जनवरी को खोला जाएगा। 51 फीट ऊंची और 200 किलोग्राम वजनी यह मूर्ति कई मायनों में खास है। आईए मूर्ति से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं….
मूर्ति के मस्तक पर सूर्य बिराजमान है। मस्तक के ठीक नीचे दाईं ओर ॐ, श्री गणेश, चक्र और बाईं ओर स्वस्तिक, शंख और गदा है। थोड़ा नीचे जाने पर दाईं ओर भगवान विष्णु के 5 अवतार (मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन) और बाईं ओर अन्य 5 अवतार (परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि) अंकित किए गए हैं। चरणों के पास एक ओर हनुमान जी और दूसरी ओर गरुड़ बिराजमान है। प्रभु श्री राम की यह मूर्ति कमल के सिंहासन पर विराजमान है। यह मूर्ति काले पत्थर से बनी है, जिसका बायां हाथ धनुष-बाण पकड़ने की मुद्रा में है और दायां आशीर्वाद देने की मुद्रा में।
बता दें कि इस मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगिराज द्वारा बनाया गया है। एक ही पत्थर से बनी इस मूर्ति की यह खासियत है कि इसकी उम्र एक साल से ज्यादा की है। इस पर किसी भी पूजन सामग्री का कोई नकारात्मक असर नहीं होगा। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो चुका है।
22 जनवरी को मुख्य पूजन के दिन मूर्ति के आँखों की पट्टी हटाई जाएगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सलाई से रामलला की आँखों में सूरमा लगाएंगे और उन्हें आईना दिखाएंगे। मंदिर समिति के अनुसार रामलला की पुरानी मूर्ति को भी गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। उसका साइज़ छोटा है, इसलिए मुख्य मूर्ति के रूप में कर्नाटक से आई मूर्ति की स्थापना की जा रही है।