आंध्र प्रदेश के विश्वविख्यात तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलने के बाद से ही पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. सामान्य जनता के साथ-साथ हिन्दू समाज के धार्मिक व्यक्तित्वों की भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है. इसी कड़ी में बागेश्वर धाम सरकार के नाम से प्रख्यात आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का भी बयान आया है. इसमें उन्होंने उन लोगों के लिए प्रायश्चित का फ़ॉर्मूला बताया है जिन्होंने भूलवश उस मिलावटी प्रसाद को ग्रहण कर लिया था.
9 दिन करें प्रायश्चित, reel और वीडियो बनाने से कुछ नही होगा
बागेश्वर धाम सरकार का कहना है कि जिन लोगों ने मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिला हुआ प्रसाद खाया है, उन्हें 9 दिन प्रायश्चित करना चाहिए जिससे उनका शुद्धिकरण हो सके. उन्होंने गरजते हुए कहा है कि यदि अपने घरों में ऐसा अपशिष्ट पहुँचने से स्वयं को बचाना है तो reel चलाने और वीडियो बनाने से बाहर आना होगा. उन्होंने आगे कहा कि जब तक हम घरों से निकलकर सनातन धर्म के विरुद्ध हो रहे ऐसे षड्यंत्रों का सामना नहीं करेंगे तब तक हम ऐसे ही विधर्मियों की साजिशों का शिकार होते रहेंगे.
उन्होंने सनातन धर्मबंधुओं से जागने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा है कि अगर अधर्मियों के खिलाफ आज आवाज नहीं उठाएंगे तो आने वाले समय में उन्हें आपके घरों में मछली का तेल परोसने से आप नहीं रोक पाएंगे.