मध्यप्रदेश में जल्दी ही 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। आज चुनाव आयोग द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के अनुसार बुधनी और विजयपुर सीट पर 13 नवम्बर को वोटिंग और 23 को परिणाम घोषित होंगे। इन उपचुनावों के लिए भाजपा और काँग्रेस दोनों ने अपनी कमर कस ली है। जहां काँग्रेस ब्लॉक और गांवों में घूमकर कार्यकर्ताओं को खड़ा करने में लगी है तो वहीं भाजपा की ओर से प्रतिनिधि मण्डल ग्राउन्ड से उम्मीदवारों का फीडबैक ले रहा है।
लेकिन इन दोनों विधानसभा सीटों मे से बुधनी की सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। क्योंकि यह सीट भाजपा की गढ़ रही है और यहाँ से प्रदेश के पूर्व मुखिया शिवराज सिंह चौहान यहाँ से विधायक थे। लेकिन उन्हें विदिशा लोकसभा सीट से अब केंद्र में भेज दिया गया है जिसके कारण यह सीट खाली हो चुकी है। अब प्रश्न यह उठ रहा है कि उनके स्थान पर यहाँ से कौन चुनाव लड़ेगा।
बुधनी की इस सीट से सबसे प्रबल दावेदारी शिवराज सिंह चौहान के ही बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान की बताई जा रही है। जब शिवराज मुख्यमंत्री थे, तभी से कार्तिकेय विधानसभा में सक्रिय थे और हाल में होने वाले उपचुनावों के लिए मण्डल अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं ने भी उनके नाम के पत्र आगे भेज दिए हैं।
समाचार पत्रों की मानें तो इस सीट पर भाजपा का प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व भी मंथन कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और मुख्यमंत्री मोहन यादव की बैठक के बाद इस सीट से 4 मुख्य नाम चुने गए हैं। इसमें कार्तिकेय चौहान के अलावा, पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, पूर्व वन विकास निगम अध्यक्ष गुरु प्रसाद शर्मा और पूर्व विधायक राजेन्द्र चौहान का नाम भी है। सांसद रमाकांत भार्गव का नाम इसलिए लिस्ट में है, क्योंकि उन्हीं का टिकट काटकर शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा भेजा गया था। वे विदिशा लोकसभा सीट से सांसद थे। हालांकि कार्तिकेय के बाद सबसे ज्यादा दावेदारी उन्हीं के नाम की है।
बता दें कि ग्राउन्ड के कार्यकर्ता चाहते हैं कि कार्तिकेय चौहान को ही यहाँ से टिकट मिला जाए। क्योंकि इतने वर्षों से शिवराज सिंह चौहान के यहाँ से विधायक होने के कारण यहाँ चौहान परिवार का अलग ही दबदबा और जमीनी संबंध बन गया है, जिसके बाद लोग चाहते हैं कि किसी ना किसी तरह से यह सीट शिवराज परिवार से ही जुड़ी रहे।
अब आगे देखना होगा कि कार्तिकेय चौहान को यहाँ से दावेदारी मिलती है, या अपनी सीट गँवाकर शिवराज को लोकसभा पहुंचाने वाले रमाकांत भार्गव को, क्योंकि भाजपा ने जैसे मुख्यमंत्री की घोषणा करके सभी को चौंका दिया था, शायद वैसा ही राजनीतिक खेला इस सीट पर भी देखने को मिल जाए।