पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने हाई कोर्ट की इंदौर बेंच को धार स्थित भोजशाला की विस्तृत सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि अवशेषों के आधार पर एएसआई ने यह माना है कि भोजशाला एक हिंदू मंदिर है, जिसका स्वरूप बदला गया है।
लगभग 3 महीने तक चले इस सर्वे की रिपोर्ट 2000 पन्नों की है। 22 जुलाई को हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी। हिंदू पक्ष का दावा है कि भोजशाला एक परमारकालीन हिंदू मंदिर है। सर्वे में हिंदू देवी-देवताओं की 94 मूर्तियाँ मिली हैं।
अगर हिंदू पक्ष का दावा रिपोर्ट में सिद्ध होता है तो कोर्ट को 23 साल पहले लागू की गई व्यवस्था को बदलना होगा, जिसके तहत मंगलवार को हिंदुओं को पूजा अर्चना करने और शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज़ अदा करने की अनुमति दी गई है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील ने कहा है कि सर्वे में ऐसे कई साक्ष्य मिले हैं, जो ये साबित करने के लिए पर्याप्त है कि भोजशाला एक हिंदू मंदिर ही है।
बता दें कि हिंदू पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका स्वीकारते हुए हाई कोर्ट ने एएसआई को भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वे करने का आदेश दिए थे। यह सर्वे 22 मार्च को शुरू हुआ था। शुरुआत में सर्वे के लिए 4 हफ्तों का समय तय किया गया था। लेकिन, तीन बार वक्त बढ़ाया गया और आखिरकार 15 जुलाई को एएसआई ने कोर्ट को अपनी विस्तृत वैज्ञानिक रिपोर्ट सौंपी।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि इस मामले में हिंदू पक्ष मजबूत है, जीत हमारी ही होगी। हमने पहले से हाई कोर्ट में यह कह रखा है कि भोजशाला एक हिंदू मंदिर है, जिसका उपयोग मस्जिद के रूप में किया जा रहा है। कोर्ट ने 2003 में जो आदेश पारित किया था, वह पूरी तरह से गलत है। यह अधिकारों का हनन है।
लगभग तीन महीने चले इस सर्वे में लगभग 1700 छोटे-बड़े अवशेष मिले हैं। हिंदू पक्ष दावा कर रहा है कि सर्वे में हिंदू देवी-देवताओं की 94 मूर्तियाँ मिली हैं। इसके अलावा पुरानी तलवार, शिलालेख, शंख, कीर्तिमुख, नक्काशी वाले अवशेष, स्तंभों के टुकड़े आदि ढेरों अवशेष मिले हैं। सर्वे में मुस्लिम और जैन समाज से जुड़े भी कुछ अवशेष मिले हैं।
जैन समाज द्वारा कुछ दिनों पहले सर्वे में मिले कुछ अवशेषों के आधार पर कोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी कि भोजशाला मंदिर या मस्जिद नहीं, बल्कि जैन गुरुकुल है। इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
फिलहाल, कोर्ट द्वारा यह रिपोर्ट दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों को सौंपी जाएगी। उन्हें ये निर्देश भी दिए जाएंगे कि वे किसी भी हालत में रिपोर्ट को सार्वजनिक न करें। 2000 पन्नों की इस रिपोर्ट में क्या है? इसकी जानकारी 22 जुलाई को होने वाली सुनवाई में मिलेगी। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि हाई कोर्ट यदि हिंदू पक्ष के हित में नहीं आता है, तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।