शनिवार को खबर आई कि भोपाल के परवलिया स्थित आंचल चिल्ड्रंस होम से 26 बच्चियां गायब हो चुकी हैं। पुलिस तहकीकात करने पहुंची तो मालूम हुआ कि संस्था को कथित तौर पर जर्मनी से फन्डिंग प्राप्त होती है। यहाँ पर कुछ बच्चियों को ईसाई धर्म का पालन करने को मजबूर भी किया जाता है। यह एक गैर-रजिस्टर्ड संस्था है। मामले के सामने आते ही भोपाल के साथ प्रदेशभर में हड़कंप मच गया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने ट्विटर हेंडल के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि इस मामले पर जल्द कार्रवाई की जाए।
परवलिया के तारासेवनिया स्थित आँचल मिशनरी नाम की संस्था में जब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो निरीक्षण करने पहुंचे तो बाल गृह में 67 में से 41 बच्चियां ही मिली। स्टाफ को पता ही नहीं चला कि बाकी बच्चियां कहाँ गईं। दिनभर सर्चिंग के बाद सभी बच्चियों को ढूंढ लिया गया। इन सभी बच्चियों की उम्र 6 से लेकर 18 साल की है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बच्चियों के लापता होने के बाद मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखकर 7 दिन के भीतर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। प्राथमिक जांच के बाद बाल गृह में धर्मांतरण की आशंका जताई जा रही है। बालिकाओं ने बताया कि उन्हें ईसाई धर्म की प्रैक्टिस करने के लिए कहा जाता था। इसके अलावा हॉस्टल के किचन में माँस भी मिला है। यूं तो हॉस्टल में सभी समुदायों की बच्चियां रहती हैं, लेकिन उन्हें मुख्य रूप से इसाइयत का ही पाठ पढ़ाया जाता था। हॉस्टल में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है। बच्चियों के होने के बाद भी पुरुष गार्ड रखे गए हैं।
बच्चियों के लापता होने की सूचना मिलते ही भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह व कमिश्नर पवन शर्मा मौके पर पहुंचे। पूरा प्रशासनिक अमला बच्चियों को ढूँढने में लग गया। देर शाम सभी बच्चियाँ मिल गईं। बच्चियों के मिलने के बाद सीएम मोहन यादव ने कहा कि सभी बच्चियां सकुशल हैं। एक भी दोषी या लापरवाही करने वाले को बक्शा नहीं जाएगा।
प्राथमिक जांच में यह पता चला कि यह संस्था अवैध थी। संस्था का संचालन फरवरी 2020 से हो रहा है, लेकिन इसका रजिस्ट्रैशन सरकार के रिकॉर्ड्स में नहीं है। यह संस्था जर्मनी से फंडेड है। इस फंडिंग की जांच के आदेश भोपाल कलेक्टर ने दिए हैं। प्रशासन को शक था कि इस बाल गृह के माध्यम से पूर्व में भी कई बच्चियों को धर्मांतरित किया गया है।
प्रशासन का शक यकीन में तब बदला, जब दूसरे दिन रविवार को संस्था का संचालक और मुख्य आरोपी अनिल मैथ्यू पकड़ाया। अनिल से जानकारी मिली कि गरीब व लाचार बच्चियों को अच्छे कपड़े, बेहतर शिक्षा और भोजन का लालच देकर आँचल चिल्ड्रन होम लाया जाता था। उन्हें यकीन दिलाया जाता था कि प्रभु यीशु ने ही सब कुछ दिया है। बच्चियों ने पुलिस को बताया ही था कि उन्हें साफ-सफाई करने पर मजबूर किया जाता था, जिससे वे इतनी परेशान हो गईं थीं कि बाल गृह छोड़कर भाग गईं। संचालक अनिल फिलहाल पुलिस की हिरासत में है।
मामला 26 बच्चियों के गायब होने का था, तो सियासत तो होनी ही थी। कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा राज में ऐसे बाल गृह तेजी से उभर रहे हैं, जिनमें धर्मांतरण के साथ-साथ मानव तस्करी का घिनौना खेल होता है। प्रियंक कानूनगो ने कहा कि किसी बाल गृह द्वारा इतने बड़े स्तर पर अनाथ बच्चियों को अवैध रूप से रखना चिंता का विषय है, संस्था पर उचित कार्रवाई की जाएगी।