पिछले दिनों कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया गया, जिसने मध्यप्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। वीडियो में दिखाया जा रहा है कि कैसे चंद्रशेखर आज़ाद रावण की आजाद समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रुपेश कैन ने भीम आर्मी और अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों को कथित तौर पर धर दबोचा, वो भी BJP की गाड़ी में। कैन ने दोनों प्रदेश अध्यक्षों पर करोड़ों रूपए लेकर बीजेपी से मिलीभगत करने के आरोप भी लगाए। अब वीडियो प्रदेश उपाध्यक्ष के हाथों बनी, इसलिए आलाकमान भी हरकत में आई और किया ऐसा कुछ जिससे किसी ने उम्मीद नहीं की थी।
चुनावी माहौल केवल मतदान के दिन तक सीमित नहीं रहता। जब तक मतगणना या वोटों की काउंटिंग होकर शाम को नतीजे नहीं आ जाते, तब तक नहीं बता सकता कि कौन बनाएगा सरकार और कौन करेगा अलगे 5 साल इंतज़ार। चुनावों के पहले वोटरों को खरीदने की जद्दोजहद चलती है, तो चुनावों के बाद प्रत्याशियों को। जी हाँ! मध्यप्रदेश में चुनावों की घोषणा के बाद से ही ये बात निकलकर आती रही है कि इस बार छोटे दलों की भूमिका अहम होने वाली हैं। वे जिसका दामन थामेंगे, उन्हें बहुमत हासिल होगा। क्योंकि, भाजपा और कांग्रेस दोनों जीत को लेकर आशंकित हैं।
ऐसा ही एक मामला बीते कुछ दिनों से ख़ूब चर्चाओं में है। एक वीडियो सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है, जिसमें डबरा सीट से आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी और प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेश कैन अन्य कार्यकायर्ताओं के साथ भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष सुनील बैरसिया और आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अस्तेय का पीछा करते नजर आ रहे हैं। कैन का आरोप है कि उन्होंने इन दोनों प्रदेश अध्यक्षों को बीजेपी नेताओं की गाड़ियों में जाते हुए पकड़ा है। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। मामला भोपाल का बताया जा रहा है।
इस घटना के बाद रूपेश कैन ने एक वीडियो साझा किया। उनका कहना है कि मैंने इन दोनों प्रदेशाध्यक्षों को जिन गाड़ियों में जाते देखा, उन्हें मैं जानता हूँ। ये भोपाल महापौर और बीजेपी नेता मालती राय की गाड़ियां है। आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद इन दोनों को बीजेपी की गाड़ियों में घूमना पड़ रहा है। कैन ने सुनील बैरसिया और सुनील अस्तेय पर बीजेपी नेताओं के बंगलों में बैठकर करोड़ों रुपयों का सौदा करने और बीजेपी के लिए प्रचार करने जैसे गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ये काफी समय से बीजेपी नेता मालती राय और विश्वास सारंग के संपर्क में है। मैंने भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद से मिलकर उन्हें इन करतूतों के बारे में पहले ही बता दिया है। उसके बाद मैंने देखा कि जिन गाड़ियों में ये दोनों नेता आए हैं, वो बीजेपी की हैं, तो मैंने इनका पीछा कर इनसे सवाल करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
इस वीडियो को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया। वीडियो के वायरल होते ही आलाकमान हरकत में आई और चंद्रशेखर आजाद ने तत्काल प्रभाव से भीम आर्मी मध्यप्रदेश की सभी इकाइयों को भंग कर दिया। इसका मतलब अब कोई भी व्यक्ति ये दावा नहीं कर सकता कि वो भीम आर्मी का पदाधिकारी है। इसी के साथ आजाद समाज पार्टी के नेताओं पर लगे आरोपों के लिए पार्टी जिम्मेदार नहीं होगी।
आपको बता दें कि इस बार आज़ाद समाज पार्टी ने पहली बार मध्यप्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। मतगणना के बाद भाजपा कांग्रेस ज़रूर चाहेंगी कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, जयस, बसपा, समाजवादी पार्टी और आजाद समाज पार्टी जैसे छोटे दल इनके साथ गठबंधन करें। इसलिए ऐसी खबरें आना कोई नया विषय नहीं है।