मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में एक बयान देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में हुए चुनावों में बीजेपी के लिए सत्ता संजीवनी साबित हुई ‘लाड़ली बहना योजना’ पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की नहीं। बल्कि, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की देन है। सीएम मोहन के इस बयान ने सोशल मीडिया यूजर्स के बीच बहस छेड़ दी है।
सीएम मोहन पिछले दिनों महाराष्ट्र भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को मातृशोक पर सांत्वना देने के लिए नागपुर पहुंचे। जब स्थानीय समाचार पत्र ‘लोकतंत्र समाचार के पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि आप इस बात को किस तरह देखते हैं कि पूर्व सीएम शिवराज की लाड़ली बहना योजना की वजह से ही बीजेपी को फिर से मध्यप्रदेश की सत्ता मिली है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि ये बात सत्य है कि लाड़ली बहना योजना का लाभ मध्यप्रदेश की गरीब एवं मध्यमवर्गीय महिलाओं को मिला है। इस योजना ने उनके जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं।
सीएम मोहन ने बताया कि यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नहीं, बल्कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के दिमाग की उपज है। उन्हीं ने पूर्व सीएम शिवराज को फोन पर इस योजना के बारे में बताया था। फिलहाल, यह योजना मध्यप्रदेश में लागू है। अब इसे महाराष्ट्र में भी लागू किया जा रहा है, जो कि बहुत अच्छी बात है।
हालांकि, अब तक सीएम मोहन यादव के इस बयान पर भाजपा या कांग्रेस किसी भी पार्टी के किसी नेता की ओर से कोई बयान नहीं आया है। मगर, इस ख़बर की एक्स (ट्विटर) पोस्ट पर कई लोगों के कमेंट आ रहे हैं। काशिफ काकवी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि ‘ऐसा तब होता है जब आप किसी और की मेहनत की मलाई खाते है और उसे उसका क्रेडिट नहीं देना चाहते!”। इसी तरह बुंदेली ब्रो नामक एक्स यूजर ने कमेन्ट किया है कि ”प्रदेश की 29 सीटें भी इनकी वजह से नहीं जीते हैं, शिवराज सिंह चौहान के द्वारा पूर्व में किये गए वादे काम कर गए और बीजेपी सारी सीटें जीत गई। इनको चलते फिरते सीएम की कुर्सी मिल गई है और कुछ नहीं है।