नए साल के पहले दिन से मध्यप्रदेश के सभी जिलों में साइबर तहसील सिस्टम की शुरुआत होने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश को साइबर तहसील व्यवस्था की सौगात देने जा रहे हैं। इसका पहला सेंटर खरगोन में होगा। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है यह साइबर तहसील सिस्टम और किस तरह ये डिजिटल शासन की दिशा में गेमचेंजर साबित हो सकता है।
साइबर तहसील सिस्टम से आमजन को बड़े स्तर पर लाभ होने वाला है। इस व्यवस्था के लागू होने से नामांतरण व राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए पटवारी, तहसीलदार के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। समय भी 60 दिन से घटकर 15-20 दिनों का रह जाएगा। प्रदेश के कई जिलों में इसे लागू करने के पूर्व पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप 90% से ज्यादा मामलों का निराकरण तेज गति से हुआ है।
1 जनवरी 2024 से इसका पहला सेंटर आधिकारिक रूप से खरगोन में शुरू किया जा रहा है, जिसकी समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव इसका शुभारंभ करेंगे। गौरतलब है कि विभागों के बंटवारे के विषय में सीएम मोहन ने पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की थी, जिसमें मध्यप्रदेश के विकास से जुड़ी कई योजनाओं को लागू करने के विषय में चर्चा हुई। इसी क्रम में प्रदेश के सभी जिलों में इस सिस्टम को लागू किया जा रहा है।