मंत्रिमंडल की घोषणा के 5 दिन बाद भी विभागों के बंटवारे को लेकर कोई खबर सामने नहीं आई है। इसी बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि आज यानि 30 दिसंबर को इस बात की घोषणा हो सकती है कि किसे कौन-सा मंत्रालय दिया जाएगा। शुक्रवार शाम सीएम मोहन गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मिले, जिसके बाद ये कहा जा सकता है कि पार्टी ने विभागों के बंटवारे को लेकर सहमति बना ली है। बता दें कि कल छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा हो चुका है।
डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ 13 दिसंबर को ली थी, जिसके बाद 25 दिसंबर के दिन पहली मोहन कैबिनेट का विस्तार हुआ। कैबिनेट के अंतर्गत 28 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली। मंत्रिमंडल विस्तार के 5 दिन बीत जाने के बाद भी पार्टी यह निर्णय नहीं ले पाई कि किसे कौन सा मंत्रालय सौंपा जाना है। पिछले दिनों सीएम मोहन यादव इस विषय में केंद्रीय नेतृत्व से लेकर संगठन मंत्री हितानंद शर्मा जैसे राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ लंबी बैठकें कर चुके हैं। कल गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी बैठक हो गई। इस बात से ये साफ है कि किसी भी समय मंत्रिमंडल के विभागों के बंटवारे की खबर आ सकती है।
किस विधायक को कौन-सा मंत्रालय सौंपा जाएगा, इसे लेकर मीडिया और आमजन में कशमकश जारी है। क्योंकि, इस बार प्रदेश में प्रत्याशियों को टिकटों के बंटवारे से लेकर मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और मंत्रियों के नाम की घोषणा तक सब कुछ अप्रत्याशित ही हुआ है। अबकी बार पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधायकी का चुनाव लड़वाया था, ऐसे में पार्टी के पास कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, प्रह्लाद पटेल, संपतिया उईके, जैसे बड़े नाम हैं। आमतौर पर प्रदेश सरकार के बड़े मंत्रालयों में गृह, वित्त, नगरीय विकास, उद्योग, उच्च शिक्षा, महिला व बाल विकास और पंचायती राज मंत्रालय होते हैं। इन मंत्रालयों का जिम्मा सीनियर मंत्रियों को दिया जा सकता है। कई बड़े मंत्रालय सीएम खुद अपने पास रखें, ये भी संभव है।