गुरुवार को जबलपुर के पाटन से विधायक रहे कांग्रेस नेता नीलेश अवस्थी ने भाजपा का दामन थामा। अवस्थी को सदस्यता दिलाने का कार्यक्रम सीएम मोहन यादव, वीडी शर्मा और नरोत्तम मिश्रा जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में हुआ। इन सभी ने तो अवस्थी को सहर्ष स्वीकार लिया। लेकिन, इस फैसले से उन्हीं की पाटन सीट से वर्तमान में विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई खासे नाराज़ दिखे और नाराज़गी को ज़ाहिर करते हुए उन्होंने जो किया, उसने सबको हैरत में तो डाला ही। बल्कि, नीलेश अवस्थी के भी कई राज़ खोलकर रख दिए। ये पहला मौका है, जब कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए किसी नेता का इस तरह से विरोध किया गया हो। क्या है पूरा मामला, आइए विस्तार से जानते हैं…
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के बड़े नेता धड़ाधड़ भाजपा में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस कितनी बैठकें कर ले। लेकिन, मजाल है कि एक दिन ऐसा चला जाए कि कोई बड़ा कांग्रेसी नेता पाला न बदले। इसी सूची में गुरुवार को जबलपुर की पाटन सीट से विधायक रहे नीलेश अवस्थी भी शामिल हो गए हैं। लेकिन, 2023 में नीलेश अवस्थी को हराकर पाटन के विधायक बने अजय विश्नोई उनके भाजपा में आने से कुछ संतुष्ट नज़र नहीं आए। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि पाटन के पूर्व विधायक भाई नीलेश अवस्थी का भाजपा में स्वागत हैं। भाजपा में शामिल होने वालो का स्वागत करना हमारी मजबूरी है।
बात यहीं तक होती तो शायद खबरों का हिस्सा नहीं बनती। ट्वीट के साथ अजय विश्नोई ने एक ऑडियो भी शेयर किया, जिसमें नीलेश अवस्थी कथित तौर पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। अब ये आवाज़ नीलेश अवस्थी की है या नहीं, ये जबलपुर वाले ही बेहतर जान पाएंगे।
अजय विश्नोई ने आगे लिखा कि आप सबका यह जानना भी जरूरी हैं कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए भाई नीलेश अवस्थी के कांग्रेस और भाजपा के बारे में क्या विचार हैं! एक ऑडियो भेज रहा हूं। 06 मिनिट के इस आडियो में नीलेशजी कांग्रेस के कमलनाथ जी से लेकर अन्य नेताओं को सुशोभित कर रहे हैं और बता रहे हैं कि वे कांग्रेस क्यों छोड़ रहे है। इस ऑडियो में पूर्व विधायक जी ऐसे शब्दों का प्रयोग करते सुनाई दे रहे हैं, जो शिष्टाचार के उच्चतम मानकों को चुनौती देने में सक्षम है।
दर्शक विधायक अजय विश्नोई के इस अंदाज़ को नया न समझें। उन्होंने पहले भी उनकी विधानसभा व जबलपुर से जुड़े पार्टी के सभी फैसलों पर मुखर होकर अपनी बात रखी है। नीलेश अवस्थी तो फिर भी कांग्रेस के थे और शुरुआत से ही अजय विश्नोई के विरोधी भी थे। लेकिन, विश्नोई ने अपनी ही पार्टी के नेता को भी नहीं छोड़ा था। उन्होंने जबलपुर से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए आशीष दुबे का भी पुरज़ोर विरोध किया था। टिकट की घोषणा के बाद उन्होंने कहा था कि आशीष दुबे को लोकसभा प्रत्याशी बनाए जाने का हम स्वागत करते हैं। हमें ये भूलना होगा कि विधानसभा चुनाव में आशीष दुबे जी ने पार्टी के विरोध का काम किया था।
बहरहाल, ये बात किसी से छुपी नहीं है कि जहां एक ओर कांग्रेसी नेताओं के भाजपा में आने से भाजपा का कुनबा बढ़ रहा है, विभिन्न लोकसभा सीटों पर विरोधी प्रत्याशियों पर दबाव बन रहा है। वहीं, भाजपा के मूल कार्यकर्ता व नेता इस बात को लेकर चिंतित भी नज़र आ रहे हैं कि कहीं उनका हक़ नए-नए कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को न मिल जाए।