इंदौर में रहकर करणावत का नाम कौन नहीं जानता होगा? शहर के लगभग हर हिस्से में करणावत ग्रुप के पान सेंटर या भोजनालय स्थित हैं। लेकिन, बीते मंगलवार इस चर्चित प्रतिष्ठान के 25 से अधिक ठिकानों पर जीएसटी विभाग ने एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई सिगरेट और पान मसाले के विक्रय में हुई टैक्स चोरी की आशंका के चलते की गई। यह कार्रवाई मंगलवार शाम से शुरू होकर देर रात तक जारी रही।
इसी वजह से करणावत के सभी आउटलेट्स को समय से पूर्व बंद कर दिया गया। जीएसटी विभाग के अधिकारी जांच में जुट गए और सभी ठिकानों पर संबंधित थानों का पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया। खबर है कि इससे 5 साल पहले भी करणावत पर इंकम टैक्स विभाग छापेमारी कर चुका है। इस खास रिपोर्ट में आइए जानते हैं कि किस वजह से करणावत बार-बार सरकारी एजेंसियों का निशाना बनता है।
आपको बता दें कि करणावत तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट आदि उत्पादों का विक्रय करने वाला शहर का सबसे बड़ा रीटेल का कारोबार है। करणावत के नाम से ही इस ग्रुप के भोजनालय भी संचालित किए जाते हैं। खास बात ये है कि करणावत ग्रुप मुख्य रूप से अपने रिश्तेदारों को ही फ्रैन्चाइज़ी देता है और इसके लिए कच्चा माल भी खुद ही सप्लाई करता है।
अब सवाल आता है कि यह कार्रवाई क्यों हो रही है? इसका सीधा जवाब है कि कुछ दिनों पूर्व जीएसटी विभाग को सूचना मिली थी कि करणावत पर सिगरेट, तंबाकू व पान मसाला बिना लेखा-जोखा बेचा जा रहा है। दूसरी बात ये कि जीएसटी कानून के तहत यदि कोई व्यापारी तंबाकू से जुड़े उत्पाद खरीदता है, तो उसे भरे हुए टैक्स की इनपुट क्रेडिट मिलती है। इसे बेचने पर इस इनपुट क्रेडिट का इस्तेमाल कर व्यापारी टैक्स भर सकता है। लेकिन करणावत द्वारा बेचे हुए उत्पादों की जानकारी साझा नहीं की जा रही है। इस वजह से विभाग को करणावत ग्रुप पर टैक्स चोरी करने का शक है।
एक तीसरा मुद्दा ये भी है कि करणावत ग्रुप द्वारा जीएसटी विभाग में 16 अलग-अलग नामों से पंजीयन हैं। लेकिन इसके अलावा यह ग्रुप 13 अन्य स्थानों पर भी भोजनालय चला रहा है, जिसकी जानकारी विभाग को नहीं है। इसी संबंध में विभाग ने मंगलवार को सभी ठिकानों पर पहुंचकर दस्तावेज़ों की जांच की।
5 साल पहले भी करणावत इंकम टैक्स विभाग के रडार में आया था। तब सर्वे में 50 लाख की अघोषित आय होने की जानकारी सामने आई थी। करणावत के कई बार सरकारी एजेंसियों के रडार में आने की मुख्य वजह कच्चे रूप से काम होना और ठीक ढंग से दस्तावेज़ों का रखरखाव और प्रबंधन नहीं करना बताई जाती है।
आपको बता दें कि करणावत के हेड गुलाब सिंह चौहान ने 20 साल पहले एक छोटी सी दुकान से करणावत की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे कई मित्र व रिश्तेदार इस प्रतिष्ठान के साथ पार्टनर के रूप में जुड़ते गए और यह इंदौर के चर्चित पान सेंटर व भोजनालयों की सूचि में गिना जाने लगा।
बहरहाल, जीएसटी विभाग की कार्रवाई के पूर्ण होने में 1 हफ्ते का समय लग सकता है। जीएसटी विभाग इंदौर के भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा व सतना भी पहुंची, जहां टीम ने तंबाकू व्यापारी, सीमेंट निर्माण, कीमती नग, मार्बल के व्यापारियों के यहाँ भी छापेमारी की।