इंदौर जहां खानपान और स्वच्छता में पूरे देश में नंबर 1 कहलाता है तो अब जल प्रबंधन और इसके संरक्षण में भी इंदौर देश में नाम रौशन कर रहा है। सोमवार को 5वे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें इंदौर को वेस्ट झोन का नंबर 1 जिला घोषित किया गया है। अब 22 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंदौर को पुरस्कृत करेंगी।
इंदौर को यह पुरस्कार इसलिए प्राप्त हुआ क्योंकि मई-जून की भीषण गर्मी में हमारी नदियों का जल प्रवाह नहीं टूटा और हमारे जल स्रोत भी नहीं सूखे। इसके अलावा अन्य पैमानों पर भी इंदौर अव्वल रहा।
अब जानिए इंदौर ने जल संरक्षण के क्षेत्र में क्या अनोखा कार्य किया
इंदौर को इस राष्ट्रीय पुरस्कार के आँकलन में 10 में से 10 अंक मिले हैं। सर्वे करने आई टीम ने इंदौर के मलेंडी, बड़िया, बुरालिया, जाम बुजुर्ग गांवों में बहती हुई नदियां देखी थी, वह भी मई की तपती गर्मी में।
इसके अलावा इंदौर ने पानी बचाने के लिए 419 फार्म तालाब, 101 अमृत सरोवर, 185 डगआउट तालाब बनाए तो वहीं नगर निगम क्षेत्र के 1.14 लाख घरों और गांवों में 1400 शासकीय भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगवाए।
इंदौर में बामनिया कुंड, मेहंदी कुंड, पातालपानी झरने में पानी के प्रवाह की अवधि और मात्रा भी बढ़ाई और जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए 22 अमृत सरोवरों से अतिक्रमण हटाया और 25 सरोवरों का क्षेत्रफल और डेंसीटी भी बढ़ाई।
सबसे मुख्य बात यह रही कि इंदौर में जल संरक्षण के प्रति जनजागरण के लिए सभी 334 ग्राम पंचायतों का वाटर बजट तैयार किया गया है और जलदूत ऐप के माध्यम से भूजल स्तर की निगरानी की जा रही है।