इंदौर में मंगलवार रात बवाल मच गया। नगर निगम के वार्ड 82 से भाजपा पार्षद नितिन शर्मा (शानू) के खिलाफ़ एक महिला थाने पहुँच गई। महिला ने आरोप लगाया कि शर्मा ने मेरे साथ कई बार दुष्कर्म किया और मुझे जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस घंटों की मशक्कत के बाद एफआईआर लिखने को राजी हुई। वहीं, अपने साथी नेता को बचाने के लिए भाजपा के कई बड़े नेता थाने पहुँच गए और एफआईआर न करने को लेकर दबाव बनाने लगे। इसी बीच पार्षद जी फरार हैं। पुलिस ने पीड़ित महिला का बयान लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
महिला ने आरोप लगाया कि पार्षद नितिन शर्मा नौकरी व पैसों का झांसा देकर लगभग 4 साल से उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। शर्मा से पीड़िता की मुलाकात 2020 में कोरोना के दौरान हुई थी। महिला कर्ज़ के बोझ तले दबी हुई थी। तब शर्मा ने उसे 1 लाख रुपए दिए थे। कुछ दिनों बाद उसने आर्थिक रूप से मदद करने और सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा दिया। फिर वह पीड़िता पर अपने बॉयफ्रेंड से रिश्ता तोड़ने का दबाव भी बनाने लगा।
जब महिला ने उसकी बात नहीं मानी, तो वह पैसे वापस मांगने लगा। महिला पूर्व में 50 हजार रुपए दे चुकी है। बाकी नहीं दे पाई। इसी बात से वह उस पर ज्यादती करने लगा। महिला ने बचे हुए पैसे लौटाने के लिए उसके ऑफिस में नौकरी की। इस दौरान उसने कई बार महिला के साथ दुष्कर्म किया। मार्च में उसने महिला को नौकरी से निकाल दिया। यहाँ तक कि गला दबाकर जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद वह अपनी छोटी बहन के पास रहने चली गईं। धमकियों से घबराकर ही महिला पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची।
इस मामले ने इंदौर भाजपा की इन्टर्नल पॉलिटिक्स को भी हवा दे दी है। नितिन शर्मा विधानसभा क्षेत्र 4 और विधायक मालिनी गौड़ का करीबी माना जाता है। इसलिए, जब महिला एफआईआर दर्ज कराने पहुंची, तो क्षेत्र 4 के कई बड़े नेता थाने पहुँच गए। मामला भाजपा नेता का था, इस वजह से कई बड़े अफ़सर भी थाने पहुंचे। हर तरफ से पुलिस पर एफआईआर न लिखने को लेकर दबाव बनाया गया।
रात में पुलिस ने महिला के कहने पर एफआईआर दर्ज नहीं की। इस पर महिला ने विरोध किया और कहा कि मेरी जान को खतरा है। फिर लगभग 21 घंटे बाद अंततः एफआईआर दर्ज की गई। कहा ये भी जा रहा है कि भाजपा के कुछ दूसरे नेताओं ने प्रेशर देकर यह मुकदमा दर्ज करवाया है। फिलहाल, पार्षद महोदय पुलिस की गिरफ्त के बाहर हैं। इसी बीच भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने बयान दिया है कि सारी स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद संगठन की ओर से जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
इस मामले में आगे की राह क्या होगी? ख़बर मिली है कि शुक्रवार सुबह कांग्रेस नेता इंदौर कलेक्टर के पास जाकर पार्षद नितिन शर्मा की पार्षदी अयोग्य घोषित करने के संबंध में ज्ञापन सौंपेगी।