2024 का लोकसभा चुनाव हैरान कर देने वाले नतीजे लेकर आया है। उत्तर प्रदेश की सीटों पर सपा-कांग्रेस का ताबड़तोड़ प्रदर्शन, राम मंदिर के मुद्दे के बाद भी अयोध्या से बीजेपी का हारना, जेल में बंद खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह का चुनाव जीतना, नीतीश कुमार का भारतीय राजनीति के मोस्ट-वांटेड नेता के रूप में उभरना, बीजेपी की केरल में एक सीट जीतकर एंट्री करना और एमपी में क्लीन स्वीप जैसे कई चौंका देने वाली कहानियाँ सामने आईं।
400 सीटों पर जीत हासिल करने का दावा करने वाली बीजेपी को 2024 लोकसभा चुनाव से कई सबक मिले, तो वहीं उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर कांग्रेस ने अपने आप को ज़िंदा रखा है। इस खास रिपोर्ट में आइए जानते हैं कि भाजपा और उसके समर्थक दलों से बने एनडीए का प्रदर्शन चुनाव में कमतर क्यों रहा और वो कौनसी बातें हैं, जिसकी वजह से इंडिया गठबंधन इतनी सीटें जीत पाया।
एनडीए के खराब प्रदर्शन की 6 बड़ी वजहें:
– स्थानीय मुद्दे हावी रहे, जिससे क्षेत्रीय दल मजबूत हुए। हर चरण में भाजपा को नैरेटिव बदलना पड़ा। मैनिफेस्टो जारी नहीं किया, 2047 का विजन डॉक्युमेंट जारी किया, जो उतना आकर्षक नहीं था।
– पूरी पार्टी सिर्फ मोदी के भरोसे बहुमत पाने पर निर्भर रह गई। खुद मोदी कई बार यह कह चुके थे कि सिर्फ मेरे भरोसे न रहें। स्थानीय नेता जनसंपर्क करें।
– टारगेट पर कांग्रेस को रखा, उसी पर हमला करती रही, जबकि असली मुकाबला स्थानीय दलों के साथ था।
– यूपी में अगाड़ी समुदायों की नाराजगी, बसपा की कमजोरी भाजपा के खिलाफ गई। महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी की टूट की तोहमत भाजपा पर आई।
– किसानों की नाराजगी दूर नहीं कर पाए, जिससे यूपी, हरियाणा व पंजाब में बड़ा नुकसान हुआ।
– संविधान और आरक्षण पर खतरे के आरोप की काट नहीं खोज पाए। एससी-एसटी की 24 सीटों का नुकसान हुआ।
इंडिया गठबंधन के बेहतर प्रदर्शन की 6 वजहें:
– बेरोजगारी, संविधान और आरक्षण को मुद्दा बनाया, कई राज्यों में इसका फायदा मिला।
– नीतीश की जदयू और जयंत चौधरी की रालोद की विदाई के बावजूद इंडिया गठबंधन ने खुद को बिखरने से रोक लिया।
– जिन राज्यों में सीटों के बंटवारे से फायदा होना था, वहां किया और जहां अलग रहने में भलाई थी वहां दूरी बना ली। पंजाब, बंगाल और केरल में इंडिया की पार्टियों ने यही रणनीति अपनाई।
– बंगाल में तृणमूल का कांग्रेस और वाम दलों के बीच गठबंधन नहीं करने से भाजपा बनाम ऑल की स्थिति नहीं बन पाई।
– कांग्रेस ने गठबंधन में बिग ब्रदर का रवैया नहीं अपनाया। कई राज्यों में सहयोगियों को ज्यादा सीटें दीं। और खुद अब तक की सबसे कम सीटों पर लड़ी। इससे कई राज्यों में मुकाबला भाजपा बनाम क्षेत्रीय दल हुआ जिसका फायदा इंडिया को मिला।