सोमवार 12 फरवरी को डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में एक अप्रैल से लेकर 31 जुलाई 2024 तक के लिए मध्यप्रदेश अंतरिम बजट 2024 पेश किया। विधानसभा चुनावों के पूर्व शुरू की गई योजनाओं के साथ कुछ नई योजनाओं को जोड़कर मोहन सरकार ने हर उस वर्ग को साधने का प्रयास किया है, जिसने उसे चुनाव जिताने में बड़ी भूमिका निभाई। महिलाएं, किसान और आदिवासियों के लिए बजट कई सौगातें लेकर आया है। धार्मिक आयोजनों के तीर्थ स्थल के विकास पर भी खासा खर्च करने की योजना है। इसी बीच विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा भी किया। हरदा ब्लास्ट, बेरोजगारी, बढ़ता कर्ज आदि मुद्दों को लेकर सरकार पर तीखे प्रकार भी किए। बहरहाल, अंतरिम बजट मध्यप्रदेश के एक आम नागरिक के लिए क्या लेकर आया है। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में।
मध्यप्रदेश अंतरिम बजट 2024 से जुड़ी खास बातें:
– लाड़ली बहना योजना को जुलाई तक बढ़ाने के लिए 6304 करोड़ रुपए मांगे गए हैं।
– अगले साल डीए-डीआर पर 5600 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिससे 11 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा।
– इंदौर से उज्जैन-ओंकारेश्वर, ग्वालियर से ओरछा तक हेलिकोप्टर तीर्थ योजना शुरू की जाएगी।
– मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादन योजना से किसानों को प्रति लीटर 2 से 5 रुपए तक प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
– प्रदेशभर में मुख्यमंत्री एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की जाएगी, जिसके लिए ढाई करोड़ रुपए रखे गए हैं।
– 1.30 करोड़ आदिवासियों के लिए अलग से पशुपालन और दुग्ध उत्पादन की योजनाएं लाई जाएंगी।
– 1.90 करोड़ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को पीं जनमन योजना का लाभ मिलेगा।
– पीएम एक्सीलेंस कॉलेज स्कीम के तहत 55 जिलों में अत्याधुनिक सरकारी कॉलेज खुलेंगे।
– 26 लाख उपभोक्ताओं को फ्लैट रेट पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। 12 हजार करोड़ की सब्सिडी जारी रहेगी।
इतनी योजनाओं और अनुदानों की घोषणा के बाद सबसे बड़ा सवाल ये मन में आता है कि इन सबके लिए पैसा कहाँ से आएगा? इसका जवाब है कि इस साल मध्यप्रदेश सरकार 86 हजार करोड़ का कर्ज लेगी। यह पिछले साल से 25 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। बता दें कि वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार पर लगभग 4 लाख करोड़ का कर्ज है।
मंत्रालयों के लिए राशि के आवंटन की बात की जाए तो सबसे ज्यादा राशि स्कूल शिक्षा व परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को दी गई है, फिर जगदीश देवड़ा के वित्त विभाग, प्रह्लाद पटेल के पंचायत व ग्रामीण विकास और एदल सिंह कंसाना के कृषि विकास विभाग को सर्वाधिक राशि दी गई। कैलाश विजयवर्गीय के नगरीय विकास विभाग के 6134 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। सूचित हो कि यह अंतरिम बजट है। पूर्ण बजट मानसून सत्र में आएगा।
सत्र के दौरान सभागार में जमकर हंगामा हुआ। बजट पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार ने लेखानुदान में फिजूल खर्च पर ही प्रावधान किए हैं। उद्योग लग नहीं रहे हैं, फिर भी उद्योग विभाग को राशि दी। लाड़ली बहनों को 3000, किसानों को 2700 और 450 रुपए में गैस सिलिन्डर जैसी कोई बातें नहीं की गईं। वहीं विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने टंट्या मामा और गुरु गोविंद सिंह जैसे महापुरुषों को लुटेरा कहा था। सरकार द्वारा 5 विभूतियों को दिए गए भारत रत्न पुरस्कार को लेकर भी खूब वाद-विवाद हुआ। कांग्रेस ने हरदा ब्लास्ट मामले पर सरकार को घेरा और चर्चा की मांग की, इसके बाद कांग्रेस के सभी विधायकों ने सभा से वॉकआउट कर दिया और बाहर जाकर जमकर नारेबाजी की।