लोकसभा चुनावों से पहले संगठन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए भाजपा 9 फरवरी से प्रदेशभर में गाँव चलो अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान में पार्टी के दिग्गज नेताओं की साख दांव पर होगी। इस अभियान के तहत सीएम से लेकर मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को उन गांवों में रात रुकने के लिए भेजा जाएगा, जहां पार्टी का प्रत्याशी हारा या उसका प्रदर्शन कमजोर रहा। गाँव चलो अभियान के माध्यम से जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचकर, उनकी समस्याओं का निराकरण करके वोट बढ़ाने का प्रयास करेगी।
आपको बता दें कि प्रदेशभर में 53 हजार गाँव हैं, जिनमें विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन के हिसाब से अलग-अलग कटैगोरी तैयार की गई है। उदाहरण के तौर पर भाजपा को बहुमत से जिताने वाले, विपक्ष के बराबर वोट पाने वाले और हराने वाले या कमजोर प्रदर्शन करने वाले गांवों को चिह्नित किया गया है। इसी हिसाब से जिन गांवों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा, वहाँ कार्यकर्ता रात बिताएंगे। जहां विपक्ष के बराबर रहा, वहाँ का जिम्मा संगठन के पदाधिकारियों को दिया जाएगा। लेकिन, जिन सीटों पर भाजपा हारी या उम्मीद से बेहद नीचे प्रदर्शन किया, वहाँ जनप्रतिनिधि या पार्टी के कद्दावर नेताओं को रात रुकने के लिए भेजा जाएगा। ये नेता उस गांवों में जाकर लोगों के मुद्दों और हार की वजहों का पता लगाएंगे।
भाजपा संगठन से जुड़े सूत्र ने बताया कि 30 जनवरी तक प्रदेश के सभी जिलों में अभियान की तैयारी से जुड़ी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। गांवों में मुख्य रूप से मंदिरों और प्रभावशाली व्यक्तियों पर फोकस किया जाएगा। पार्टी नेता स्थानीय वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के घर अथवा गाँव के मंदिरों में जाकर ठहरेंगे। चौपालों का आयोजन कर स्थानीय विकास के लिए लोगों के सुझाव भी लेंगे। दावा ये भी किया जा रहा है कि नेता हर गाँव में पहुंचकर वहाँ की स्थानीय आस्था के प्रतीक किसी मंदिर के जीर्णोद्धार और विकास के कार्यों में सहयोग भी प्रदान करेंगे।
इसके अलावा पार्टी ने प्रत्येक गाँव में मौजूद केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों के नाम, पते, मोबाईल नंबर की एक सूचि भी तैयार की है। इन समूहों के बीच चर्चा कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया जाएगा। ऐसे हितग्राहियों को अपने घरों में लगाने के लिए भाजपा का झण्डा भी दिया जाएगा। गाँव चलो अभियान का निर्धारित लक्ष्य प्रत्येक बूथ पर वोट शेयर में 10 प्रतिशत की वृद्धि करना है।
बीजेपी से इतर अगर कांग्रेस की तैयारियों की बात की जाए तो विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस के बड़े नेता जमीनी कार्यकर्ताओं से जाकर मिलेंगे। बता दें कि 4 से 7 फरवरी को प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं। वे कुल 14 लोकसभा सीटों पर जाकर कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। इन 14 सीटों पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। कांग्रेस इन सभी सीटों के कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं से रायशुमारी कर फरवरी महीने में ही प्रत्याशियों के नाम तय करना चाहती है, जिससे सही ढंग से प्रचार की शुरुआत की जा सके। क्योंकि, विधानसभा चुनावों के बाद कई हारे हुए प्रत्याशियों ने यह आपत्ति जताई थी कि प्रत्याशियों के नाम की घोषणा में देरी के चलते प्रचार के लिए उचित समय नहीं मिल पाया।