मध्यप्रदेश के देवास में 26 नवंबर, रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान समर्थित ‘गजवा-ए-हिन्द’ मॉड्यूल मामले के तहत छापेमारी की। इस मामले में जिले के सतवास निवासी एक युवक से NIA ने 4 घंटे पूछताछ की। मध्यप्रदेश के अलावा NIA की टीम ने 4 अन्य राज्यों में भी छापे मारे हैं। साल 2023 में ये पहली बार नहीं है, जब मध्यप्रदेश में जांच एजेंसियों ने छपमारी की हो, इसके पहले भी इंदौर, भोपाल व बुरहानपुर से देश विरोधी गतिविधियों के संचालित होने के सबूत मिल चुके हैं। इस छापेमारी में NIA ने आरोपियों के पाकिस्तान में बैठे आकाओं के साथ संबंधों का पता लगाया है और कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ और मोबाईल फोन जब्त किए हैं।
बिहार से आई NIA की पांच सदस्यीय टीम ने रविवार सुबह 5 बजे देवास जिले के सतवास के मेवाती मोहल्ला निवासी 28 वर्षीय लियाकत पिता इदू खां के घर पहुंची। टीम ने लियाकत से 4 घंटे से ज्यादा पूछताछ की और उसका मोबाईल और सिमकार्ड्स भी जब्त किए। अगर लियाकत फोन में कुछ आपत्तिजनक मिला, तो टीम उसे दिल्ली स्थित मुख्यालय आने का नोटिस भी देगी।
NIA द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार, ये छापेमारी 14 जुलाई 2022 को बिहार की राजधानी पटना में रजिस्टर हुए एक केस के तहत की गई, जिसमें पहले भी कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। इस मामले में सबसे पहले पटना जिले में फुलवारीशरीफ़ पुलिस द्वारा मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ़्तारी हुई। मरगूब ‘गजवा-ए-हिन्द’ नामक व्हाट्सएप ग्रुप का एडमिन था, जिसे ज़ैन (Zain) नाम के पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था।
मरगूब ने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन सहित अन्य देशों के कई लोगों को भी ग्रुप में जोड़ा था, जो Telegram और BiP Messanger जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर काफी समय से इस्लामिक कट्टरपंथ फैलाने के चलते NIA के रडार में थे। ये लोग पिछले कई महीनों से भारत में ‘गजवा-ए-हिन्द’ की स्थापना के नाम पर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए अपने ग्रुप में जोड़ने का काम कर रहे थे।
NIA की जांच में ये भी निकलकर सामने आया कि मरगूब पूरे भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल जुटाने के मकसद से व्हाट्सएप ग्रुप की मदद से युवाओं को उकसाने में लगा हुआ था। मरगूब ने ‘बीडीग़ज़वा ए हिंदबीडी’ नाम से एक अन्य ग्रुप भी बनाया था, जिसमें उसने बनफगलादेश के नागरिकों को जोड़ रखा था। इसके बाद मरगूब पर कई धाराओं के तहत मुक़दमे दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच अभी जारी है।
इसके पहले भी इसी साल 12 अक्टूबर को NIA की टीम बगैर किसी पूर्वसूचना के इंदौर आई थी। टीम ने जवाहर मार्ग स्थित PFI के कार्यालय को सील कर SDPI से जुड़े हारुन नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया था। आपको बता दें कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को इंडिया (SDPI), उसी प्रतिबंधित संगठन PFI की शाखा है, जिसपर कई आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और इस्लामिक कट्टरपंथ को फैलाने के आरोप लग चुके हैं।
अब सवाल ये निकलकर आता है कि किस तरह मध्यप्रदेश इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का अड्डा बनता जा रहा है? फिलहाल NIA इस मामले की जांच में लगी हुई है। लेकिन, ‘गजवा-ए-हिन्द’ को बढ़ावा देने वाला व्हाट्सएप ग्रुप, जिसे पाकिस्तान में बैठ व्यक्ति संचालित कर रहा है, बांग्लादेश-यमन जैसे देशों के लोग सहायता प्रदान कर रहे हैं और बिहार में बैठा व्यक्ति हेंडल कर रहा है, उसमें देवास जिले के सतवास का लियाकत भी शामिल बताया जा रहा है।
आतंकवाद अब सोशल मीडिया के जरिए आपके कस्बे, आपकी गलियों तक पहुंच चुका है। आस-पड़ोसियों से हंस-खेलकर बात करने वाला, रोज़ काम पर जाने वाला सामान्य व्यक्ति भी इस भयावह खेल का हिस्सा हो सकता है।