कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और वृंदावन के रसिक संत प्रेमानंद महाराज के बीच चल रहा विवाद खत्म ही नहीं हुआ था कि मध्यप्रदेश में एक मामले को लेकर दो बड़े चर्चित कथावाचक आमने-सामने आ गए हैं। बात इतनी बढ़ गई है कि मामला कोर्ट तक पहुँच गया है। ये विवाद बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और पंडोखर सरकार के बीच का है। क्या है पूरी कहानी, आइए विस्तार से जानते हैं..
ख़बर आ रही है कि जबलपुर जिले के नरसिंहपुर निवासी अमीश तिवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है कि उनके आराध्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर गुरुशरण शर्मा अर्थात पंडोखर सरकार द्वारा लगातार आपत्तिजनक बयानबाजी की जा रही है। याचिका पंडोखर सरकार के बयानों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज न किए जाने के संबंध में है। इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि यदि मामला किसी भी तरह से अपराध की श्रेणी में आता है, तो केस जरूर दर्ज किया जाए।
याचिककर्ता का कहना है पंडोखर सरकार ने उनके आराध्य पंडित शास्त्री व उनके परिवार पर लगातार आपत्तिजनक टिप्पणी की है। पंडोखर सरकार के इस बयान वाले वीडियो के क्लिप्स को सोशल मीडिया पर शेयर भी खूब किया जा रहा है। इस बयान से न केवल उनकी आस्था को ठेस पहुंची है, बल्कि उनके आराध्य का अपमान भी हुआ है। याचिककर्ता ने इस बात की शिकायत नरसिंहपुर थाने में जाकर की। लेकिन, पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इसके बाद अमीश तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके बाद जबलपुर हाई कोर्ट ने पुलिस को मामले में आरोपी के दोषी पाए जाने पर नए कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
याचिककर्ता का ये भी कहना है कि पंडोखर सरकार पूर्व में भी कई संतों के खिलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करके उन्हें वायरल कर चुके हैं। वे बागेश्वर धाम सरकार की तरह ही दिव्य दरबार भी लगाते हैं। इसलिए उन्होंने खुद को सही और पंडित शास्त्री को गलत ठहराने के लिहाज से उन्हें और उनके परिवार को निशाना बनाया। याचिककर्ता के वकील ने दलील दी है कि नए कानून की धारा 173 के तहत पुलिस 14 दिन के भीतर जवाब दे।