एक तरफ सरकार गरीबों को अपना घर देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, तो दूसरी ओर उसी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए एक मकान में शराब की दुकान खुल गई है, वो भी लाइसेंसी। मामला रायसेन का है, जहां आबकारी विभाग की लापरवाही के चलते यह सब हुआ है।
ख़बर रायसेन के पठारी गाँव से आ रही है, जहां पीएम आवास में ठेका खोलकर धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है। स्थानीय लोगों द्वारा खींची गई एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें पीएम आवास के तहत बनाए गए मकान पर शराब दुकान का बोर्ड लगा हुआ है। अपने रंग और डिजाइन से यह बोर्ड किसी लाइसेंसी दुकान का मालूम हो रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहाँ दिनभर में 50-100 लोग आकर शराब खरीदते हैं।
जो मकान गरीबों के रहने के लिए सरकारी योजना के तहत बनाए गए हैं। उनमें से एक में लाइसेंसी शराब दुकान का संचालन होना आबकारी विभाग के लिए शर्म की बात है। क्योंकि, इस दुकान को लाइसेंस तो आबकारी विभाग द्वारा ही दिया गया था। हालांकि, मामला उजागर होने के बाद अब आबकारी विभाग जरूरी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
पहले तो आबकारी विभाग के अफसरों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं थी। आबकारी अधिकारी का कहना है कि मामला आज ही हमारी जानकारी में आज ही आया है. इसके लिए हम ठेकेदार जो लाइसेंसी है. उसको आज नोटिस जारी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर आबकारी विभाग की इस लापरवाही का खूब मज़ाक उड़ाया जा रहा है।
एक और जानने लायक बात ये है कि यह दुकान हाईवे से 100 मीटर के दायरे में है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यदि हाईवे के पास आबादी 20 हजार से कम हो तो शराब दुकान 220 मीटर दूरी पर होनी चाहिए। बहरहाल, अब मामला सबके सामने है। आबकारी विभाग द्वारा जल्द से जल्द कार्रवाई किए जाने की उम्मीद है।
प्रदेश में आबकारी विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। 2 दिन पहले ही सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हुआ था। यह वीडियो भोपाल के नज़दीक सोम डिस्टिलरी का बताया जा रहा था। यहाँ पर 20 लड़कियों समेत 50 नाबालिग बच्चों से शराब बनवाई व पैक कारवाई जा रही थी। हैरानी की बात तो ये है कि उसी परिसर में आबकारी का दफ्तर भी था। बहरहाल, भोपाल और रायसेन के ये दोनों मामलें अब सबके सामने है। इन पर आबकारी विभाग क्या कारवाई करता है? यह देखने वाली बात होगी।