रीवा जिले के मनगंवा थाना क्षेत्र के कोठार गाँव से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ विवादित जमीन पर सड़क बनाने का विरोध कर रही दो महिलाओं को जिंदा दफ़नाने की कोशिश की गई है। अपराधियों ने एक महिला को तो नाक तक मिट्टी के अंदर गाड़ दिया था। स्थानीय लोगों की मानें, तो यदि उसे निकालने में देरी हो जाती, तो प्राण जाना तय था। पुलिस ने 3 आरोपियों के खिलाफ़ प्रकरण दर्ज कर 1 को गिरफ़्तार कर लिया है। अन्य 2 की तलाश जारी है।
यह घटना शनिवार दोपहर करीब 2 बजे की है। यह विवाद पारिवारिक जमीन को लेकर है। पीडिता आशा पांडेय का कहना है कि गौकारण पांडेय हमारे पट्टे की जमीन पर सड़क बनवाने के लिए मुरम गिरवा रहा था। मैंने अपनी देवरानी ममता पांडेय के साथ मिलकर उन्हें रोकने की कोशिश की, तो हाइवा चालक ने हमारे ऊपर ही मूरम गिरवा दी। ममता कमर तक तो मैं नाक तक मिट्टी के अंदर दब गई थी। यदि गाँववाले नहीं निकालते, तो मेरी जान भी जा सकती थी। आशा ने आगे बताया कि आरोपी बार-बार यह कह रहे थे कि ”तुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे, इस बार बच गई तो अगली बार जान ले लेंगे।”
रीवा एसपी विवेक सिंह का कहना है कि आशा पांडेय और उसके ससुर गौकारण पांडेय के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। कई बार कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लग चुके हैं। हालांकि, दोनों महिलाएं सुरक्षित हैं। एक आरोपी विपिन पांडे य पुलिस की गिरफ़्त में है। गौकारण पांडेय और हाइवा चालक की तलाश जारी है।
इस ख़बर से मध्यप्रदेश की सियासत भी गरमा गई है। पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से उन्होंने कहा है कि रीवा ज़िले की इस घटना ने एक बार फिर बीजेपी शासन की महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं! वैसे भी मध्यप्रदेश महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर है।
सीएम मोहन यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि रीवा के मनगवां की इन बहनों को मुरम में दबाया गया और उनकी जान लेने की कोशिश की गई! क्या आपकी सरकार से यह बहनें उम्मीद रख सकती हैं कि इस घटना की निष्पक्ष एवं त्वरित जांच होगी और उन्हें प्राथमिकता से न्याय मिलेगा? खेर आपकी सरकार महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में बार-बार असफल हो रही है।