बीजेपी ने बीते शनिवार लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूचि जारी की, जिसमें मध्यप्रदेश की 24 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। इस लिस्ट में बीजेपी के कई नए नामों को जगह दी। साथ ही कई मौजूदा सांसदों के टिकट भी काटे। इन्हीं में से एक नाम भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का है, जिनकी जगह ब्राह्मण वर्ग के चेहरे व पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया गया। इस रिपोर्ट में आइए जानने की कोशिश करते हैं, उन वजहों के बारे में, जिनके चलते कटा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का लोकसभा टिकट….
बीजेपी की पहली सूचि की घोषणा होते ही जब मीडिया प्रज्ञा ठाकुर के पास पहुँचा, तो वे मीडिया पर ही भड़क गईं। उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा मेरे कई बयानों को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया, जिससे मेरी छवि को हानी पहुंची। मैं अपने कथन को विवादित या गलत नहीं मानती, मीडिया उसे अलग ढंग से दिखाता है। मैंने केवल सत्य कहा। राजनीति में रहकर अगर सत्य कहना गलत है, तो इसकी आदत डाल लेनी चाहिए।
पत्रकारों ने जब प्रज्ञा ठाकुर से पूछा कि क्या आपको गोडसे पर दिए गए बयान की वजह से टिकट नहीं मिला, जिसको लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि वे आपको कभी माफ नहीं कर पाएंगे? इस पर उनका जवाब आया कि अपनी इस भूल के लिए मैं पहले ही उनसे क्षमा मांग चुकी हूँ।
राजनैतिक विश्लेषक भी साध्वी प्रज्ञा द्वारा संसद में दिए गए गोडसे वाले बयान को ही उनके टिकट कटने की सबसे बड़ी वजह मानते हैं। अब ये बयान आखिर था क्या? आइए जानते हैं..दरअसल, सांसद बनने के बाद साध्वी प्रज्ञा अपने कार्यों से ज्यादा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहीं। लोकसभा में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप विधेयक पर बहस चल रही थी। डीएमके सांसद ए राज्य ने नथुराम गोडसे के नाम का जिक्र ये बताने के लिए किया कि नथुराम गोडसे ने महात्मा गांधी को क्यों मारा। इस पर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि आप इस तरह एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते।
साध्वी प्रज्ञा के इस बयान का देशभर के कई नेताओं ने विरोध किया। साध्वी प्रज्ञा को रक्षा सलाहकार समिति से हटा दिया गया। 2019 की संसद के शीतकालीन सत्र में हुई संसदीय दल की बैठक में जाने से भी उन्हें रोक दिया गया। उनके बयान को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नथुराम गोडसे को देशभक्त मानने तो दूर, बल्कि अगर उन्हें कोई देशभक्त कह भी देता है, तो हमारी पार्टी इस बात की पूरी तरह निंदा करती है। राहुल गांधी ने भी तब ट्विटर पर लिखा था कि आतंकवादी प्रज्ञा ने आतंकवादी गोडसे को देशभक्त कहा। यह भारत के इतिहास का दुखद दिन है।
इस बारे में जब पीएम मोदी से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि नथुराम और महात्मा गांधी को लेकर जो बातें कहीं गईं, वह निंदनीय हैं। सभ्य समाज में ऐसी बातें शोभनीय नहीं हैं। उन्होंने माफी मांग ली, वो अलग बात है। लेकिन, मैं उन्हें मन से कभी माफ नहीं कर पाऊँगा।
प्रज्ञा ठाकुर इस बयान के अलावा कई अन्य बयानों को लेकर भी विवादों में रहीं। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने कहा था कि गौमूत्र पीने से फेफड़ों में संक्रमण नहीं होता। मैं गौमूत्र अर्क का नियमित सेवन करती हूँ। अब मुझे कोरोना वायरस के लिए कोई दवाई नहीं लेनी पड़ेगी।
सांसद रहते हुए प्रज्ञा ठाकुर पर हेट स्पीच देने के भी आरोप लगे। दिसंबर 2022 में उनका एक बयान सुर्खियों में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदुओं को अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रखना चाहिए। यदि हमारे घर में घुसकर कोई हमला करता है, तो उसे मुंहतोड़ जवाब देना हमारा अधिकार है। इस बयान के लिए उन पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और जानबूझकर किसी संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की धाराओं के तहत केस भी दर्ज हुआ था।
बहरहाल, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। 2024 में टिकट न मिलने पर उन्होंने कहा कि मुझे टिकट न दिया जाना संगठन का निर्णय है, वह सर्वोपरि है। आलोक शर्मा को मेरा आशीर्वाद और शुभकामनाएं हैं।