Shree Ram VanGaman Path MP: जहां-जहां से प्रभु श्री राम गुज़रे, उन 23 स्थानों को तीर्थ स्थल में बदलेगी मध्यप्रदेश सरकार
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर उत्तर प्रदेश के साथ-साथ भारत के अन्य राज्यों व राज्यों की सरकारों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की थी कि मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन की ओर से 5 लाख लड्डू अयोध्या भेजे जाएंगे। प्रभु श्री राम को लेकर एमपी सीएम की एक और योजना इन दिनों चर्चाओं में है। वह योजना है – श्रीराम वन गमन पथ। आईए विस्तार से जानते हैं..
अपने वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम ने तकरीबन 12 वर्षों का समय सतना जिले के चित्रकूट में व्यतीत किया है। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार चित्रकूट के उन क्षेत्रों को तीर्थ स्थान में परिवर्तित करना चाहती है, जहां से प्रभु श्रीराम गुजरे थे। सीएम मोहन यादव की इस योजना पर चर्चा करने के लिए पहली बैठक मंगलवार यानि 16 जनवरी को रखी गई है। बैठक में चित्रकूट के भगवान कामतानाथ मंदिर, 5 किमी लंबे कामदगिरी पर्वत परिक्रमा पथ, बृहस्पति कुंड व मंदाकिनी नदी किनारे के रामघाट के विकास को लेकर सुझाव रखे जाएंगे।
श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास समिति की यह पहली बैठक है, जिसकी अध्यक्षता सीएम मोहन खुद करेंगे। बैठक का आयोजन चित्रकूट के ग्रामोंदय विश्वविद्यालय में होना है। न्यास की स्थापना 4 मई 2023 में हुई थी, जिसका लक्ष्य मध्यप्रदेश में श्रीराम वनगमन पथ के 23 स्थलों को चिह्नित कर उनका विकास करना है। कहने को न्यास का गठन पिछले वर्ष मई में हुआ, लेकिन चुनाव की व्यस्तता के चलते एक भी बैठक नहीं हो पाई।
बता दें कि संस्कृति विभाग द्वारा गठित इस समिति द्वारा इन 23 स्थलों की जानकारी निकालने के लिए एक सर्वे कराया गया था, जिसमें कुल 22 महीने का समय लगा। सर्वे के बाद तस्वीर साफ हुई कि प्रदेश में राम वनगमन पथ के अंतर्गत आने वाले किन-किन क्षेत्रों का विकास किया जाना है। बैठक के दौरान सर्वे की रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा।
चिह्नित किए गए स्थानों में चित्रकूट स्थित स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, ऋषि शरभंग आश्रम, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सिद्धा पहाड़, सीता रसोई, रामसेल, राम जानकी मंदिर, बृहस्पति कुंड, अगस्त्य आश्रम, शिव मंदिर, श्रीराम मंदिर, मार्कंडेय आश्रम, दशरथ घाट और सीतामढ़ी आदि शामिल हैं।