12 सालों में एक बार उज्जैन को मिलने वाले सौभाग्य, महापर्व सिंहस्थ 2028 को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यह पहली बार है जब सिंहस्थ के लिए साढ़े 4 साल पहले से तैयारियां की जा जा रही हैं। इसके लिए सीएम मोहन यादव ने 14 जनवरी को इंदौर उज्जैन के कलेक्टर-कमिश्नर व खरगोन, खंडवा, शाजापुर, देवास, आगर मालवा, रतलाम आदि के कलेक्टरों की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुलाई है।
मध्यप्रदेश में सिंहस्थ का आयोजन उज्जैन में होता है और इस बार तो मुख्यमंत्री खुद ही उज्जैन से चुनकर आए हैं। इसलिए वे स्वयं पूरे आयोजन पर निगरानी रखेंगे। सिंहस्थ का अनुमानित खर्च 7 हजार करोड़ के पार जाने वाला है। सरकार ने 10-20 बड़े कामों की सूची बनाई है, जिनपर अभी से काम शुरू कर दिया जाएगा।
इन कामों पर साढ़े 4 साल पहले से ही लग जाएगी मध्यप्रदेश सरकार:
– सड़कों का चौड़ीकरण।
– सीवरेज की पुख्ता व्यवस्था।
– लॉ एण्ड ऑर्डर और पुलिस व्यवस्था पर काम करना।
– आपदा प्रबंधन और फायर स्टेशन बनाना।
– पेयजल की व्यवस्था।
– अखाड़ा क्षेत्रों का विकास।
– नदियों व जल संसाधनों की साफ सफाई व प्रबंधन।
– ठहरने की व्यवस्था।
– हवाईपट्टी का विकास।
– मेल क्षेत्र का विकास।
– ऐतिहासिक स्मारकों का विकास व संरक्षण।
पिछली बार कई कार्य अंतिम समय पर जाकर पूर्ण हुए थे, इस वजह से यह निर्णय लिया गया है कि सिंहस्थ से जुड़े कार्यों को अभी से ही शुरू किया जाए। 14 जनवरी को होने जा रही बैठक में सभी विभागों के अधिकारी सीएम को बताएंगे की वे क्या क्या कार्य कर सकते हैं। इसके बाद नवंबर तक संभावित रूप से संबंधित निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।
चूंकि उज्जैन मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र है इसलिए वे सिंहस्थ 2028 को लेकर गंभीर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ठहरने व भोजन करने की व्यवस्था के साथ भक्तों की अन्य सभी मूलभूत आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाएगा। मंत्रालयों की सब कमेटी भी बनाई जा सकती हैं, जो अपने अपने स्तर पर आयोजन पर निगरानी रखेंगी।