मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल बन चुका है। गाड़ियों पर स्पीकर बांधकर नेताजी के पट्ठे गली-गली घूमकर प्रचार करने में व्यस्त हैं। पार्टी के चुनावों चिह्नों वाले झंडे और पोस्टर बाज़ारों में दिखाई देने लगे हैं। चुनाव चिह्न, जिनके नाम पर प्रत्याशी वोट मांगते हैं, जिनकी मदद से जनता वोट डालते समय उन्हें याद रखती है, उनकी पार्टी को याद रखती है। लेकिन, निर्दलीय प्रत्याशियों का खेल थोड़ा अलग होता है। उन्हें चुनाव आयोग द्वारा ही चिह्न दिए जाते हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में यदि नेताजी ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है, तो उन्हें वोटरों से कटहल, कूड़ादान, अदरक या फिर लेडिज पर्स के निशान पर वोट डालने को कहना होगा।
राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और रेजिस्टर्ड पार्टियां अपने उमीदवारों को अपनी पार्टी के ही चुनाव चिह्नों पर मैदान मे उतारेंगी। लेकिन, वहीं भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार निर्दलीय प्रत्याशी अपने चुनाव चिह्न के लिए कोई तीन विकल्प दे सकेगा। किसी चिह्न पर एक से ज्यादा दावे होने की हालत मे निर्णय निर्वाचन अधिकारियों का रहेगा।
इस बीच खबर आई है कि भारतीय चुनाव आयोग जल्द ही निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए चुनाव चिह्नों का ऐलान करने वाला है। इस बार कुल 193 निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न मिलेंगे, पिछली बार ये संख्या 164 थी। निर्दलीय प्रत्याशियों को इस बार कंप्यूटर माउस, कटहल, कूड़ादान, प्रेशर कुकर, किचन सिंक आदि चिह्न दिए जाएंगे। साथ ही आयोग ने इस बार पाइनएप्पल, कप-प्लेट, हेलीकाप्टर और सूप के चुनाव चिह्नों को हटाने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिए हैं। इन चुनाव चिह्नों को क्यों हटाया गया, ये तो आयोग ही जाने।
निर्वाचन आयोग ने निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ कुछ नई-पुरानी क्षेत्रीय पार्टियों को भी चुनाव चिह्न आवंटित किए हैं। जैसे राष्ट्रवादी भारत पार्टी को फुटबॉल, परिवर्तन पार्टी ऑफ़ इंडिया को सीटी और संयुक्त क्रांति पार्टी को माइक का चुनाव चिह्न दिया गया है। अब देखना ये होगा कि ये उम्मीदवार इन अतरंगी चुनाव चिह्नों के साथ अपने प्रचार का कौनसा अनोखा तरीका खोजते हैं।