प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्री, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता शरद जोशी का जन्म 21 मई 1931 को मध्य प्रदेश के सतपुड़ा में हुआ था। वह अपनी तीक्ष्ण बुद्धि, तीक्ष्ण टिप्णियों और सामाजिक मानदंडों की निडर आलोचना के लिए जाने जाते थे। जोशी ने अर्थशास्त्र में अपनी शिक्षा पूरी की और आगरा विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की।
अपने पूरे जीवन में, जोशी ने किसानों और ग्रामीण समुदायों के हितों की वकालत की। वह कृषि सुधारों के मुखर समर्थक थे और किसानों के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ खड़े थे। निबंध, लेख और व्यंग्य सहित उनके लेखन में अक्सर भारत में ग्रामीण जीवन के संघर्षों और वास्तविकताओं को दर्शाया गया है।
जोशी को दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले अपने टेलीविज़न शो “ज़मीन आसमान” के लिए व्यापक पहचान मिली, जहाँ उन्होंने गहराई और हास्य के साथ सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की। व्यंग्य और सामाजिक टिप्पणियों के उनके अनूठे मिश्रण ने उन्हें घरेलू नाम बना दिया।
अपनी साहित्यिक गतिविधियों के अलावा, जोशी राजनीति में भी सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्होंने कृषि समुदाय की शिकायतों को दूर करने के लिए शेतकरी संगठन, एक किसान संगठन की स्थापना की। उनकी निडर सक्रियता अक्सर उन्हें सत्ता प्रतिष्ठान के साथ टकराव में ले आती थी, लेकिन वे न्याय की तलाश में डटे रहे।
शरद जोशी की विरासत भारतीयों की पीढ़ियों को हाशिए पर मौजूद लोगों के अधिकारों के लिए खड़े होने और सकारात्मक बदलाव के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करती रहती है। 5 सितंबर 1991 को उनका निधन हो गया, वे अपने पीछे एक समृद्ध कार्य छोड़ गए जो सामाजिक न्याय और समानता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।