शुक्रवार देर रात जनसंपर्क मध्यप्रदेश के ट्विटर अकाउंट से मोहन मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे की सूचि साझा की गई। राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, संपतिया उईके आदि सभी मंत्रियों को अपने पसंदीदा विभाग मिले। उदाहरण के तौर पर प्रह्लाद पटेल की ओर से पंचायती राज विभाग और विजयवर्गीय ने नगरीय विकास मंत्रालय की मांग की गई थी और उन्हें वही दिया गया। इसी बीच एक और मंत्री का नाम अचानक से सामने आया, जिसने सबको चौंका दिया। ये नाम है नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा सीट से विधायक राव उदय प्रताप सिंह का। सीएम मोहन यादव ने उदय प्रताप पर भरोसा जताकर उन्हें दो बड़े मंत्रालय सौंपे हैं।
उदय प्रताप को स्कूल शिक्षा और परिवहन विभाग दिया गया है। किसी भी प्रदेश की सरकार में ये दोनों मंत्रालय बेहद अहम माने जाते हैं, दोनों का बजट भी बड़ा होता है। कहने को तो उदय प्रताप सिंह मोहन मंत्रिमंडल में एक अप्रत्याशित नाम लगता है, लेकिन उन्हें प्रदेश संगठन और अलकामान दोनों पसंद करते हैं। इसकी वजह लोग उनके शांत स्वभाव और कार्यकर्ताओं के साथ जमीनी स्तर के संबंध को बताते हैं।
बता दें कि राव उदय प्रताप सिंह पूर्व में नर्मदपुरम से सांसद रह चुके हैं। संगठन के आदेश पर उन्होनें सांसदी से त्यागपत्र देकर गाडरवारा से चुनाव लड़ा और करीब 60 हजार वोटों से जीतकर विधायक बनें। उन्हें बड़े मंत्रालय मिलने की वजह उनका सफल ट्रैक रिकार्ड माना जा सकता है। 1994 में वे सबसे युवा जनपद अध्यक्ष बने थे। इसके अलावा 2019 लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा मतों से जीतकर सांसद बनने का रिकार्ड भी उनके नाम है। उन्होनें करीब साढ़े 5 लाख वोटों से यह चुनाव जीता था। इन कारणों की वजह से बीजेपी आलकामान की नजरें काफी लंबे समय से उनपर थी। बता दें कि उदय प्रताप कांग्रेस छोड़कर भाजपा मे शामिल हुए थे।