नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना सातवां बजट पेश किया है। 2024 का बजट देश की आर्थिक योजनाओं और विकास की दिशा तय करता है। इसमें कई नई घोषणाएँ और योजनाएं हैं, लेकिन क्या ये बदलाव मध्य प्रदेश के लिए काफी हैं? आइए देखें कि इस बजट में राज्य को क्या मिला और यह कितना फायदेमंद हो सकता है।
मध्य प्रदेश को इस बजट में केंद्रीय करों के तहत 98,000 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछले साल से 11,205 करोड़ रुपये ज्यादा हैं। इसके अलावा, 44,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्राप्त होगी, जिसमें 11,700 करोड़ रुपये विशेष योजना के तहत शामिल हैं। यह राशि राज्य के सड़कों, स्कूलों, और अस्पतालों के कामों को तेजी से पूरा करने में सहायक होगी।
बजट में पूंजीगत निवेश, केंद्रीय करों को बढ़ावा देने की बात की गई है, जिससे राज्य और केंद्र मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए पैसे जुटाएंगे। GST और दूसरे करों से राज्य को 97,907 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारेंगे। पिछले दो सालों में केंद्रीय करों में 33,893 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री जन उत्थान योजना (PM JUG) के तहत 63,000 गांवों के 5 करोड़ आदिवासी लोगों को लाभ मिलेगा, जो मध्य प्रदेश की 22% जनसंख्या का हिस्सा हैं। इस योजना से आदिवासी समुदाय की जीवन गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। रोजगार के मोर्चे पर, अगले 5 वर्षों में 4 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें मध्य प्रदेश के 40 लाख बेरोजगार युवाओं को विशेष लाभ होगा। पहली नौकरी में ₹1 लाख से कम सैलरी पर EPFO में रजिस्टर करने वाले व्यक्तियों को ₹15,000 की सहायता मिलेगी। मुद्रा लोन की सीमा बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी गई है, और 500 शीर्ष कंपनियों में 5 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा।
महिला कल्याण के लिए ₹3 लाख करोड़ की योजनाएं बनाई गई हैं, जिनमें वर्किंग महिलाओं के लिए हॉस्टल और चाइल्ड होम्स का निर्माण शामिल है। शिक्षा के क्षेत्र में, ₹10 लाख तक के एजुकेशन लोन 3% ब्याज पर मिलेंगे, और ई वाउचर्स से हर साल करीब 1 लाख स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। किसानों के लिए, 6 करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर अपडेट की जाएगी और दाल व दलहन के उत्पादन, स्टोरेज और बिक्री पर ध्यान दिया जाएगा।
हालांकि, बजट में कुछ खामियाँ भी हैं। उज्जैन के विकास के लिए 18,000 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, लेकिन बजट में इस पर कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया। बजट भाषण में यह भी स्पष्ट नहीं है कि मध्य प्रदेश की अन्य मांगों पर ध्यान दिया गया है या नहीं।
SIDBI (Small Industries Development Bank of India) की 24 नई शाखाएँ खोली जाएंगी, जो छोटे व्यवसायों (MSME) को सीधे ऋण देने में मदद करेंगी। हालांकि, बजट में कुछ क्षेत्रों में स्पष्टता की कमी के कारण राज्य के विकास परियोजनाओं में स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हैं।
कुल मिलाकर, 2024 का बजट मध्य प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता और विकास के अवसर प्रदान करता है, लेकिन कुछ मामलों में स्पष्टता की कमी और मांगों की अनदेखी चिंता का विषय बनी हुई है।