आखिर क्यों हुई
छतरपुर में थाने पर पत्थरबाजी
आइए यह जानते हैं पूरा मामला…
दरअसल बुधवार की शाम को विशेष समुदाय के कुछ लोग छतरपुर सिटी कोतवाली थाने में शिकायती आवेदन लेकर पहुंचे थे। यह आवेदन इस बात पर था कि एक व्यक्ति ने विशेष समुदाय को लेकर कुछ आपत्तिजनक कमेंट कर दिया था और इससे उनकी भावनाएं आहत हो गई थी। इसके बाद थाने के बाहर धीरे-धीरे विशेष समुदाय के लोगों की भीड़ बढ़ने लगी और जमकर नारेबाजी भी करने लगी। पुलिस प्रशासन लगातार उन्हें समझाता रहा लेकिन भीड़ हिंसक रूप लेती जा रही थी।
इसी कड़ी में पुलिस ने हिंसक भीड़ के पास जब कुछ धारदार हथियार देखे तो थाने का में गेट बंद करना चाहा। गेट बंद होते ही भीड़ और उत्तेजित हो गई। कुछ पुलिसकर्मी बाउंड्री वॉल पर चढ़कर लोगों को शांत भी करवा रहे थे। थाना प्रभारी अरविंद कुंजर स्वयं बाहर आकर आवेदन लेने पहुंचे लेकिन इसी बीच कहासुनी आरंभ हो गई और बिगड़ी भीड़ में ने पत्थरबाजी चालू कर दी।
थाना प्रभारी को लगा चाकू, ICU में भर्ती
बताया जा रहा है कि भीड़ में से ही किसी ने थाना प्रभारी अरविंद कुंजर पर चाकू से हमला करना किया था जिसका बचाव करते समय चाकू थाना प्रभारी के हाथ में घुस गया। इसके अलावा उनके सिर हाथ छाती में भी पत्थरों से गंभीर चोटें आई है। थाना प्रभारी के साथ-साथ दो अन्य पुलिसकर्मी भी पत्थर बाजी में घायल हुए थे। इन सभी का इलाज चल रहा है।
300-400 लोगों की भीड़ ने किया हमला
इस प्रकरण पर डीआईजी का कहना है कि 300 से 400 लोगों की भीड़ ने थाना घेरा था और जमकर नारेबाजी की थी। उन्होंने बताया कि भीड़ की शिकायत थी कि किसी व्यक्ति ने उनके मजहब को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसकी FIR की मांग की जा रही थी। इसी बीच भीड़ उग्र हो गई और पुलिस थाने पर हमला किया। अपने बचाव में पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। भीड़ ने करीब 10 मिनट तक पत्थरबाजी की जिसमें तीन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
बता दें कि इस मामले पर सरकार और प्रशासन दोनों सख्त हैं। स्वयं मोहन यादव ने ट्वीट करके सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे। वहीं पुलिस ने भी 46 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
कांग्रेस नेता का सामने आया नाम, घर पर चला बुलडोजर
इस घटना में मुख्य रूप से कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली का भी नाम सामने आया है। थाने में आपत्तिजनक कमेंट की शिकायत करने वालों में यह मुख्य था। बताया जा रहा है कि वह ही ज्ञापन देने वालों में मुख्य चेहरा थे। पुलिस ने संज्ञान लेते हुए गुरुवार सुबह उनके घर पर बुलडोजर की कार्रवाई कर दी है।
पूरा इलाका बना छावनी, अतिरिक्त बल भी लगाया
इस घटना के बाद पूरा क्षेत्र एक छावनी में परिवर्तित हो गया है। पास ही के टीकमगढ़ और पन्ना जिलों से भी अतिरिक्त पुलिस बल लाया गया है। पुलिस भी रात भर मार्च पास्ट करती दिखी। इस घटना से खफा छतरपुर के लोगों ने आज पुलिस के समर्थन में अपना व्यवसाय बंद भी रखा। कोई उपद्रव की स्थिति पुनः पैदा ना हो इसलिए चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी शहर में दिखाई दे रहे हैं।