Indore। शांति का टापू कहें जाने वाले मध्यप्रदेश का इंदौर (Indore Christian Conversion News) भी अब अलग-अलग तरह की साजिशों से अछूता नहीं है। इंदौर में उन्माद और षड्यन्त्र की खबरें थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल में सुनाई देती है। वो तो भला हो प्रशासन-सामाजिक संगठनों और इंदौर के जागरूक नागरिकों का कि साजिशे कामयाब नहीं होती।
अब इंदौर से ऐसा एक मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरत में डाल दिया है। इंदौर के संयोगिता थाना क्षेत्र (Indore Sanyogita Thana Christian Conversion) की एक गरीब बस्ती के 100 से अधिक हिन्दू बच्चों को एक साथ ईसाई बनाने के लिए मिशनरी वाले उन्हे वाहनों में ठूँसकर ले गए और लालच और प्रलोभन से ईसाई बनने के लिए उकसाने लगें।

क्या है पूरा मामला, कैसे हुई धरपकड़
रविवार (16 फरवरी) की बात है, इंदौर (Indore) के धार रोड स्थित गरीब हिन्दू बस्ती में क्रिश्चियन मिशनरी के 12 से अधिक कार्यकर्ता बच्चों को शाही नाश्ता, महंगे खिलौने और रुपयों-काम का लालच देकर ईसाई बनने के लिए उकसाया जा रहा था।
दैनिक भास्कर (Dainik Bhaskar) की रिपोर्ट के अनुसार मिशनरी के कार्यकर्ता 100 से अधिक बच्चों को अलग-अलग वाहनों में बाल सभा का बोलकर ठूँसकर ले गए और कहा कि “भगवान यीशु को मानोगे तो तुम्हें खाना, कॉपी-किताबें, खिलौने और नए कपड़े मिलेंगे।”
धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन चुके हिन्दू ही करवा रहें -धर्म परिवर्तन, बन गए मिशनरी के एजेंट
जब रहवासियों और हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओ ने इस पूरे कांड की धरपकड़ की तो एक ओर खुलासा हुआ कि इस तरह के कन्वर्जन करवाने के मामलों में ईसाई मिशनरी केवल फंडिंग करती है और अपने एजेंट के माध्यम से कन्वर्जन करवाती है। ये एजेंट वो हिन्दू होते है जो कुछ समय पहले कन्वर्ट होकर ईसाई बने हो, इन्हें क्रीपटों क्रिश्चियन (Crypto Christian) कहा जाता है, ये कन्वर्ट होने के बाद भी हिन्दू पहचान धारण किये होते है और बाकि हिंदुओं को प्रलोभन देकर ईसाई बनाते है।
रहवासियों की जागरूकता के चलते पुलिस ने आरोपी शीला, अंशुमन, फ़्रांसीना और प्रभा यादव के खिलाफ मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।
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