इंदौर संभाग की एक ऐसी विधानसभा सीट, जिसकी चर्चा भोपाल और दिल्ली की बैठकों तक होती है। वजह है – एक नेता जो सदा वायरल रहता है अपने अतरंगी बयानों और क्षेत्र के युवाओं में अपनी लोकप्रियता के चलते। जो कभी मंचों से अपनी पार्टी को साथ लेकर चलने की बात करता है तो कभी कहता है – ‘पार्टी गई तेल लेने’. हम बात कर रहे हैं राऊ विधानसभा सीट के बारे में, जो चर्चित है कांग्रेस प्रत्याशी, मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों मे से एकऔर वर्तमान विधायक जीतू भिया पटवारी की वजह से। पिछली बार की तरह इस बार भी पटवारी के सामने भाजपा के मधु वर्मा मैदान में है। दोनों पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को उतारने में ज्यादा सोच विचार नहीं किया क्योंकि – ऑप्शन ही क्या है?
राऊ विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी आबादी लगभग बराबर अनुपात में निवास करती है। एक ओर प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के सेंटर भंवरकुआं और दूसरी ओर पिथमपुर इंडस्ट्रियल सेक्टर होने के कारण राऊ में प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से पढ़ने या नौकरी करने आने वालों की संख्या में भारी इज़ाफ़ा हुआ है। लेकिन, प्रदेश के अखबारों में राऊ का नाम तब छपा, जब 2018 विधानसभा चुनावों के बाद विधायक जीतू पटवारी को युवा विकास और उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया। एक ओर अवॉर्ड फ़ंक्शन मे कमलनाथ का एक्ट्रेस जेकलीन फर्नांडीज की कमर मे हाथ डालने का विडिओ वायरल हुआ, तो दूसरी ओर इंदौर के एक प्राइवेट कॉलेज के दीक्षांत समारोह मे मंत्री जी का ऐश्वर्या राय के साथ फ्लर्ट करने का विडिओ भी खूब देखा गया।
अब वो बात अलग है कि जब तक नेताजी मंत्री की कुर्सी का फील ले पाते, तब तक कांग्रेस की सरकार गिर चुकी थी। लेकिन, पटवारी युवा हैं, सक्रिय हैं और आए दिन न्यूज़ चैनलों की डिबेट में दिखाई देते हैं इसलिए पार्टी में उनकी पूछ परख कायम है। राहुल गाँधी या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जब भी मध्यप्रदेश आते हैं, तो जीतू भिया मंच पर बैठे मिलते हैं। किसान आंदोलन के दौरान जब राहुल मंदसौर आए थे, तब पटवारी का उन्हें मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले जाने का वीडियो खूब वायरल हुआ था। जीतू भिया का काम करने का अंदाज़ भी अनोखा है। वे सुबह सुबह अपनी साइकिल पर निकलते हैं, और क्षेत्र के लोगों से संवाद करते हैं, जिसकी फोटो खींच सोशल मीडिया पर डालकर युवा कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बना रहता है। जहाँ जीतू भिया की साइकिल पहुंची, वहां विकास हुआ। जहाँ नहीं पहुंची, वहां की जनता निगम के भरोसे है, जहाँ 15 में से 12 पार्षद बीजेपी के हैं।
दोनों प्रत्याशियों मे उम्र का भी अंतर बड़ा अंतर है। जहां मधु वर्मा 71 बरस के हो चुके हैं, वहीं पटवारी ने अपना अर्धशतक भी पूर्ण नहीं किया है। प्रचार की बात की जाए तो ट्विटर पर 10 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स वाले पटवारी के सोशल मीडिया हेंडल्स आक्रामकता के साथ प्रचार मे लगे हुए हैं, वहीं मधु वर्मा के फॉलोवर्स 10 हजार भी नहीं हैं, ना ही अब तक उनका कोई गीत राऊ की गलियों मे सुनाई दिया।
वहीं इस बार भी बीजेपी ने मधु वर्मा पर भरोसा जताया है। मधु वर्मा पूर्व में IDA अध्यक्ष रहे हैं और भाजपा की मानें तो चुनाव हारने के बावजूद क्षेत्र में सक्रियता के साथ काम भी करवाते रहे हैं। बेदाग़ छवि, छोटे-बड़े सभी आयोजनों में उपस्थिति और पूर्व विधायक जीतू जिराती की अनुपस्थिति के चलते भाजपा के लिए D कटैगरी सीट कहे जाने वाले राऊ से मधु वर्मा को एक और मौका दिया गया है। जीतू भिया की इतनी लोकप्रियता के बावजूद पिछली बार जीत का अंतर केवल 5000 वोटों का था। क्योंकि, पिछले वर्षों में ब्रिज निर्माण, ए.बी रोड की मरम्मत और राऊ तालाब तक नर्मदा लाइन लाने के संबंध में घोषणाएं तो हुई, लेकिन काम नहीं हुआ। स्थानीय भाजपा नेताओं ने बताया कि काम भाजपा करती है लेकिन नारियल विधायक जी फोड़ कर चले जाते हैं। मोरोद गाँव मे निर्मित पानी की टंकी इस बात का उदाहरण हो सकती है, जिसका निर्माण तो सांसद निधि से हुआ, लेकिन श्रेय विधायक जी ने लिया। बाद में गाँव के लोगों ने ही मीडिया को बताया कि टंकी सांसद जी ने ही बनवाई है।
भाजपा नेता आए दिन आरोप लगाते हैं कि विधायक जी यूँ तो प्रदेशभर के आंदोलनों में सहभागिता प्रदान करते हैं, लेकिन अपने क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने 10 सालों में कोई आंदोलन नहीं किया। किसानों की याद भी उन्हें चुनावों की घोषणा के बाद ही आई। खैर, राऊ कौन जीतेगा ये तो वक़्त बताएगा। फिलहाल दोनों नेता घर-घर जाकर जनसंपर्क करने में व्यस्त हैं और कार्यकर्ता उनके वीडियो बनाकर जलवा रे जलवा गाने के साथ इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने में।