लोकतंत्र की रौनक चुनावों से है और चुनावों की नेताओं से। नेताओं की अपनी महत्वकांक्षाएं हैं। किसी को टिकट की भूख है, तो किसी को कुर्सी की। पार्टियां हर नेता का पेट भरने का पूरा प्रयास करती हैं। कुछ फिर भी तृप्त नहीं हो पाते, तो पार्टी छोड़ देते हैं। लेकिन, एक ऐसे नेता भी ख़बरों में आए हैं, जिन्होंने पार्टी छोड़ी, दूसरी पार्टी में जाकर टिकट लिया और चुनाव प्रचार भी शुरू किया। इसके बाद नेताजी कुछ घंटों के लिए लापता हो गए। खोजबीन शुरू हुई, परिजनों को अपहरण की शंका भी हुई। फिर जब मंत्री जी मिले तो उन्होंने जो कहा, उसने सबको चौंका दिया ……
बात हो रही है भिंड विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रवि सेन जैन की। जो पहले बीजेपी में थे, बगावत कर सपा से जुड़े और कुछ ही समय के भीतर फिर से बीजेपी में आ गए।
दरअसल, बात शुरू हुई 27 अक्टूबर को, जब रवि सेन जैन ने भाजपा से नाराज़गी के चलते पार्टी से इस्तीफ़ा दिया और समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए। इतनी ही नहीं, पार्टी छोड़ते हुए जैन ने ये भी कहा कि बीजेपी की सरकार में गुंडा राज हावी है, क्षेत्र की बर्बादी हो रही है। बरसों पुराने वादे आज तक पूरे नहीं हुए।
इसके बाद नेताजी को समाजवादी पार्टी से टिकट दिया गया, वे बाकायदा चुनाव कार्यालय खोलकर प्रचार-प्रसार में जुट गए। खबरें ये भी आईं कि रवि सेन जैन के सपा में जाने से बीजेपी को भिंड के जैन और यादव समाज के वोटों की चिंता सताने लगी, जिसके चलते जैन पर नामांकन वापस लेने को लेकर दबाव भी बनाया जाने लगा। नेताजी ने नामांकन वापस नहीं लिया।
हंगामा उस वक़्त मचा जब गुरूवार की दोपहर को रवि सेन जैन अचानक लापता हो गए। उनका फोन स्विच ऑफ आने से परिजनों ने पुलिस को बताया कि जैन का अपहरण हो गया है। मामले का संज्ञान लेकर पुलिस हरकत में आई और नेताजी की खोज में जुट गई। कुछ ही घंटों में रवि सेन जैन शहर के ही एक व्यक्ति के घर पर मिल भी गए। जब मीडिया ने उनसे पुछा कि कहाँ चले गए थे, इस पर उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब बाद में दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने इस बात की घोषणा भी कर दी कि वे अपनी मूल पार्टी बीजेपी में वापस आ गए हैं।
देखा जाए तो मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों मे इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल होता हुआ नहीं दिख रहा। अगर भाजपा की सीटें कम होती हैं, तो पिछली बार की तरह अन्य पार्टियों के नेताओं को भाजपा में शामिल करने वाले ऑपरेशन लोटस की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन, भिंड के इस सियासी उलटफेर को देखकर ये मालूम होता है कि भाजपा अभी से काम में लग गई है।
हफ्ते भर पहले भाजपा को फ़र्ज़ी विकास वाली पार्टी कहकर इस्तीफ़ा देने वाले रवि सेन जैन ने फिर से उसी पार्टी का दामन थाम लिया है। नेता चुनाव जीतने के बाद वादों से पलटते हैं, किन्तु जैन साहब ने देर ही नहीं की।