इंदौर-भोपाल के बाद अब ग्वालियर-जबलपुर में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की तैयारियाँ की जा रही हैं। भाजपा के घोषणा पत्र में इन दोनों शहरों में दो साल के भीतर कमिश्नर प्रणाली लागू करने की बात कही गई थी। मुख्यमंत्री बनने के 17 दिनों बाद ही डॉ. मोहन यादव ने गृह विभाग को यह आदेश दिए हैं कि दोनों शहरों में कमिश्नर सिस्टम लागू करने के बाबत तैयारियाँ की जाएं। इसकी सूचना गृह विभाग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से साझा की।
गौरतलब है कि जबलपुर और ग्वालियर दोनों मेट्रोपॉलिटन सिटी हैं। दोनों शहरों की आबादी 10 लाख से ज्यादा है। कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए कम से कम इतनी आबादी होना आवश्यक है। इसलिए, सरकार ने इन दोनों शहरों की पुलिस को मेजिस्ट्रियल पावर देने का मन बना लिया है। इसके अंतर्गत अब पुलिस को लाठीचार्ज करने और धारा 144 लगाने के लिए कलेक्टर के आदेश की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी।
आदेश मिलते ही पुलिस मुख्यालय की प्लानिंग शाखा और सीआईडी शाखा ने अपने अपने स्तर पर तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। दोनों शाखाएं विश्लेषण कर एक प्रपोजल गृह विभाग को भेजेंगी, जिसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा दोनों शहरों की पुलिस को मेजिस्ट्रियल पावर देने के संबंध मे घोषणा की जाएगी।
आपको बता दें कि भोपाल-इंदौर में 9 दिसंबर 2022 में यह प्रणाली लागू की गई थी। इसके तहत एडीजी स्तर के पुलिस कमिश्नर बनाए गए थे। दोनों शहरों में इसकी शुरुआत 36-36 थानों के साथ की गई थी।