भारत में कृषि भूमि के घटते कार्बन स्तर और बंजर होती जा रही धरती को बचाने के लिये देश की प्रमुख संस्थाओं ने वर्ष 2021 में सामूहिक रूप से भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु राष्ट्र स्तरीय जन अभियान चलाया था। इस जन अभियान में कृषि एवं पर्यावरण क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के सामूहिक प्रयासों से भारत के हजारों गांवों में भूमि पूजन कार्यक्रमों के माध्यम से भूमि सुपोषण एवं संरक्षण कार्य को बढ़ावा मिला। इससे बडी संख्या में किसान भूमि के प्रति जाग्रत होकर रसायन मुक्त खेती की ओर अग्रसर हुए हैं।
कृषि एवं पर्यावरण क्षेत्र के वैज्ञानिकों ने अनेक बार चिंता व्यक्त की है कि खेती की भूमि का भौतिक, रसायनिक और जैविक संतुलन बिगडता जा रहा है तथा जमीन में बढते प्रदूषण के कारण आगामी कुछ वर्षों में उत्पादन पर विपरीत प्रभाव संकट के रूप में सामने होगा। भूमि का जैविक कार्बन न्यूनतम आवश्यकता से बहुत नीचे आ गया है। अतः देश हित में और किसान हित में संस्थाओं ने भूमि सुपोषण के माध्यम से सकारात्मक बदलाव का बीडा उठाया है।
प्रमुख रूप से गायत्री परिवार, पतंजलि योगपीठ, रामकृष्ण मिशन, इस्कान, श्री रामचंद्र मिशन, श्री सिद्धगिरि मठ, पीराना पीठ, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिन्दू परिषद्, सहकार भारती, विद्या भारती, एकल विद्यालय, राष्ट्रीय सेवा भारती, सावयव कृषि परिवार, ग्राम भारती, लोक भारती, ग्राम विकास, गोसेवा, पर्यावरण गतिविधि, दीनदयाल शोध संस्थान, एकलव्य ग्रामीण फाउंडेशन, बंसी गीर गोशाला, यूथ फौर नेशन आदि अनेक ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं ने मिलकर तय किया है कि यह अभियान भूमि के उत्पत्ति दिवस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होकर अनवरत चलता रहेगा और देवोत्थान एकादशी तक भूमि पूजन, इत्यादि कार्यक्रम होंगे। अभियान में समन्वय का कार्य अक्षय कृषि परिवार के द्वारा किया जायेगा।
अक्षय कृषि परिवार के नवल जी रघुवंशी समन्वयक ने बताया कि देश की अनेक संस्थाओं के साथ–साथ हजारों गोशालाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों व कृषि विज्ञान केन्द्रों से संपर्क कर अभियान में सहभागी होने का आह्वान किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत भूमि पूजन, भूमि सुपोषण करने वाले कृषकों का सम्मान, भूमि सुपोषण प्रयोगों के प्रशिक्षण, संगोष्ठी, कार्यशालायें, जागरूकता शिविर, प्रदर्शनी, आदि आयोजित की जायेंगी। नगरीय क्षेत्रों में जैविक-अजैविक अपशिष्ट को अलग रखना, जैविक अपशिष्ट से खाद बनाना आदि गतिविधियों हेतु जागरण कार्यक्रम चलाये जायेंगे। भूमि सुपोषण से संबंधित विविध साहित्य वेबसाइट www.bhumisuposhan.org पर उपलब्ध है।