मध्यप्रदेश में नई सरकार की घोषणा को एक महीना भी पूरा नहीं हुआ, मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ और नव-निर्वाचित सीएम ने अपने पहले ही महीने में संकल्प पत्र में लिखे वादों की पूर्ति के लिए 2000 करोड़ का अतिरिक्त लोन ले लिया है। यह कर्ज 16 सालों के लिया गया है। इसका इस्तेमाल राज्य सरकार की योजनाओं के लिए किया जाएगा। लोन के संबंध में मध्यप्रदेश वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है।
वित्त विभाग के अनुसार 2000 करोड़ रुपए की रकम 27 दिसंबर तक सरकारी खजाने में आ जाएगी। इसे 2039 तक चुकाना होगा। इसके पहले भी मध्यप्रदेश सरकार कई मौकों पर कर्ज़ ले चुकी है। पिछले कुछ महीनों में सरकार द्वारा लिए गए कर्ज की सूची इस प्रकार है –
सितंबर 2022 – 12 हजार करोड़
अक्तूबर 2022 – 1 हजार करोड़
नवंबर 2022 – 2 हजार करोड़
मतदान के 5 दिन पूर्व – 2 हजार करोड़
दिसंबर 2022 – 2 हजार करोड़
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार को 3.5 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज विरासत में मिला है, जिसमें ये 2000 करोड़ रुपए और जुड़ गए हैं। बीते दिन विधानसभा में जब कांग्रेस विधायकों की ओर से सरकार पर सवाल उठाए गए कि प्रदेश कर्ज तले डूबा हुआ है, ऐसे में सरकार योजनाओं का संचलन कैसे करेगी। नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि आज प्रदेश का हर नागरिक 47 हजार रुपए के कर्ज़ में डूबा हुआ है।
इस पर सीएम मोहन यादव ने जवाब दिया था कि हमने सभी योजनाओं के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था की हुई है। सीएम के इसी बयान के अगले ही दिन सरकार ने 2000 करोड़ का कर्ज ले लिया।