मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के जिलों और संभागों के परिसीमन करने के लिए एक आयोग का गठन किया है जिसके बाद कई जिलों के नक़्शे बदल जाने की पूरी संभावनाएं हैं. मानना है कि जिलों की सीमाओं में कई विसंगतियां है. पिछले कुछ वर्षों में कई नए जिले बने हैं जिनके कारण जिले तो बने लेकिन उनकी सीमाओं में विसंगतियां आ गई. विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान जिलों की सीमाओं के कारण लोगों को परेशान भी होना पड़ता है. अपने जिले के मुख्यालय या अन्य मुख्य कार्यालयों तक जाने के लिए उन्हें कई बार 100 किलोमीटर लंबा सफ़र भी करना पड़ता है, जबकि उनके निकट के अन्य जिले का कार्यालय 15-20 किलोमीटर ही पड़ता है. परिसीमन होने के बाद लोगों को इस समस्या से राहत मिलेगी.
बता दें कि मध्यप्रदेश में प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग का निर्णय 6 महीने पहले लिय गया था लेकिन लोकसभा चुनावों की आचार संहिता के कारण नियुक्तियां नहीं हो पायी थी. फिलहाल इस आयोग की जिम्मेदारी पूर्व acs मनोज श्रीवास्तव को दी गई है. बता दें कि इस आयोग को संभाग, जिले, सब डिवीजन, तहसील, जनपद और विकासखंड बनाने और इसके लिए प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन करने के लिए बनाया गया है. यह आयोग पहले 1 वर्ष तक दौरे और सर्वे करके सुझाव लेगा और उन्हें शासन को भेजेगा. बताया जा रहा है कि अक्टूबर 2024 से आयोग कार्य आरम्भ कर देगा.
इसे बनाने की मुख्य वजह यह बतायी जा रही है कि कई ऐसे टोले और ग्राम पंचायतें हैं जहाँ के लोगों को अपने प्रशासनिक कार्यालय जैसे संभाग, तहसील, विकासखंड, जिला मुख्यालय आदि पहुँचने के लिए 100 किलोमीटर से ज्यादा जाना पड़ता है. माना जा रहा है कि ऐसे स्थानों को निकटवर्ती जिला मुख्यालय वाली प्रशासनिक इकाई में जोड़ा जाएगा और वर्तमान जिले से हटाकर परिसीमन किया जाएगा.