ग्रामीण इलाकों के सरकारी विद्यालयों से बच्चों से जुड़ी कई समस्याएं सामने आती हैं। शिक्षकों की अनुपस्थिति, मध्याह्न भोजन व पेयजल इत्यादि की गुणवत्ता, परीक्षाओं में देरी आदि। लेकिन मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र शहडोल के बुढ़ार विकासखंड का एक स्कूल इन दिनों एकदम ही अलग व ‘रहस्यमयी’ कारणों से चर्चाओं में बना हुआ है। दरअसल, यहाँ पढ़ने वाली बालिकाएं एक दूसरे को देखकर अजीब हरकतें कर रही हैं। वे अचानक बाल खोलकर चीखने-चिल्लाने व रोने लगती हैं।
छात्राओं की इन हरकतों को देखकर शिक्षक, पालकगण के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी हैरान में है। बात को बढ़ता देख स्कूल झाड़-फूँक कराने पर मजबूर है। क्योंकि, झाड़ फूँक के कुछ समय बाद बच्चें ऐसी हरकतें करना बंद कर देते हैं। छात्राओं के परिजनों और ग्रामीणों ने यह आशंका जताई है कि स्कूल में भूत-प्रेत का साया है।
यह घटना शहडोल ज़िले के बुढ़ार विकासखंड स्थित शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय छोटकी टोला का बताया जा रहा है। जहां पिछले कुछ दिनों से यह समस्या देखने को मिल रही है। छात्राएं स्कूल आते ही ऐसी हरकतें करने लगती हैं। शिक्षकों का कहना है कि इस वजह से पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
इस घटना को लेकर आदिवासी विकास विभाग में पदस्थ कमिश्नर आनंद राय सिन्हा का कहना है कि जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। सभी छात्राओं की जांचें की जा रही हैं। काउंसलिंग के लिए मनोचिकित्सकों को भी बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन, काउंसलिंग के कुछ दिनों बाद समस्या दूर हो गई थी।