मध्यप्रदेश के सीधी जिले से दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहाँ आरोपियों ने एक एप के जरिए महिला टीचर की आवाज़ में बात करके आदिवासी छात्राओं को स्कॉलरशिप का झांसा देकर बुलाया और उनके साथ दुष्कर्म किया। अब तक 7 छात्राएं पीड़ित बताई जा रही हैं। इनमें से एक ने हिम्मत करके शिकायत की, तब जाकर पुलिस को पूरी कहानी समझ आई। पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित 2 अन्य को पकड़ लिया है। इस बात की भी जानकारी मिली है कि आरोपी ऐसे कॉलेजों की छात्राओं को निशाना बनाते थे, जहां स्कॉलरशिप दी जाती हैं। इस जघन्य अपराध में कई ऐसी बातें हैं, जो संभवतः प्रदेश में पहली बार सुनने को मिली हैं। क्या है सीधी में 7 आदिवासी छात्राओं से दुष्कर्म की पूरी कहानी, आइए इस खास रिपोर्ट में जानते हैं..
अब तक 4 पीड़ित छात्राओं ने एफआईआर दर्ज कराई:
सीधी में आदिवासियों पर अत्याचार की कहानी नई नहीं है। यह वही सीधी है, जहां विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पेशाब कांड हुआ था, जिसमें स्थानीय भाजपा नेता ने नशे की हालत में आदिवासी युवक के सिर पर पेशाब किया था। ताज़ा माले पर वापस आएं तो आरोपी पिछले 3 महीनों से इस घिनौने कृत्य को अंजाम दे रहे थे। यदि एक छात्रा हिम्मत करके पुलिस से शिकायत नहीं करती, तो कोई नहीं जान पाता कि कॉलेज की छात्राओं को झांसा देकर कितनी बड़ी साज़िश रही जा रही है। अभी तक 7 छात्राओं से दुष्कर्म की बात सामने आई है, जिनमें से 4 ने एफआईआर दर्ज कराई है। पीड़ित छात्राओं की संख्या 7 से ज्यादा भी हो सकती है। फिलहाल 30 वर्षीय मुख्य आरोपी ब्रजेश प्रजापति के साथ दो और आरोपी पुलिस की हिरासत में है। पुलिस-प्रशासन ने ब्रजेश का घर ज़मींदोज़ कर दिया है। अन्य 2 आरोपियों के घर भी तोड़े जाएंगे।
रंजना मैडम की आवाज में बात करते थे आरोपी:
यह पूरा मामला शहर के मंझौली थाने का है। आईजी रीवा रेंज महेंद्र सिंह अहिरवार ने बताया कि आरोपियों में शामिल एक व्यक्ति पिछले साल कॉलेज छोड़ चुका है। वह कॉलेज के किसी व्हाट्स एप ग्रुप का हिस्सा था, जहां से छात्राओं के नंबर निकाले जाते थे। आरोपी एक एआई मैजिक वॉइस एप के जरिए कॉलेज की रंजना मैडम की आवाज़ में छात्राओं से बात करते थे। छात्राओं को विश्वास में लेने के बाद वे उन्हें कहते थे कि अमुक स्थान पर आने से उनकी स्कॉलरशिप मिल जाएगी। हमारा लड़का आएगा और आपको हमारे पास तक ले आएगा। और फिर तीनों आरोपी इन छात्राओं का बलात्कार करते थे। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों ने 7 छात्राओं से दुष्कर्म की बात कबूली है। हालांकि, यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है। मामले की जांच जारी है। इस बारे में पुलिस मुख्यालय को भी सूचित किया गया है।
मुख्य आरोपी की दो पत्नियाँ:
अब तक पुलिस ने मुख्य आरोपी ब्रजेश प्रजापति और उसके साथी राहुल प्रजापति और संदीप प्रजापति को पकड़ा है। ब्रजेश प्रजापति ने दो शादियां की हैं। पहली पत्नी को उसने छोड़ दिया। दूसरी पत्नी से एक बच्ची है। आरोपी पेशे से मजदूर है, पर उसने यूट्यूब पर इस तरह के आवाज बदलने वाले एप की जानकारी ली और इसे अपने मोबाइल पर इंस्टॉल किया। इसके बाद से छात्राओं को निशाना बनाना शुरू किया।
कमलनाथ ने कहा – ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा व्यर्थ!:
एक जिले में इतनी बड़ी घटना हो और प्रदेश की राजनीति में भूचाल न आए, ऐसा संभव नहीं। सीधी बलात्कार मामले पर जीतू पटवारी से लेकर कमलनाथ तब सब सरकार पर निशाना साध रहे हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की लड़कियाँ निर्भय होकर कॉलेज में पढ़ाई भी नहीं कर सकतीं? ऐसे हालात में “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” के नारे का क्या अर्थ रह जाता है? मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार का समाचार सामने न आता हो। कमलनाथ ने सभी पीड़ित छात्राओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग भी उठाई है।
‘महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े 24 हजार केस पेंडिंग’ – पटवारी
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि हाल ही में मैंने महिला अत्याचार को लेकर सीएम मोहन को एक विस्तृत पत्र लिखा था और कहा था कि आपने मध्यप्रदेश को देश का क्राइम कैपिटल बना दिया है! प्रदेश को इस कलंक से मुक्ति कब मिलेगी? हालत यह है कि महिलाओं को न्याय देने से जुड़े हुए 24000 मामले भी पेंडिंग हैं। यह सरकार की अकर्मण्यता का सबसे बड़ा प्रमाण और परिणाम है।
एसआईटी करेगी मामले की जांच:
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इस मामले के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने और ठोस साक्ष्य संकलित करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। जो संपूर्ण तथ्यों की निष्पक्ष जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेगा।
‘वॉयस क्लोनिंग’ का कुचक्र समझिए:
आपको बता दें कि आवाज बदल कर बात करने के इस तरीके को वॉइस क्लोनिंग कहा जाता है, जिसमें इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध एआई एप के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की आवाज़ की नकल तैयार कर ली जाती है। सीधी केस में तो टीचर की आवाज का इस्तेमाल छात्राओं को झांसा देने के लिए किया गया। लेकिन, इसका इस्तेमाल कई तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड्स को अंजाम देने मे भी किया जाता है। आरोपी फोन पर आपके किसी परिचित की आवाज़ में बात करेंगे। किसी इमरजेंसी का बहाना देकर आपसे पैसे मांग लेंगे। आपको लगेगा कि आपका कोई अपना मुसीबत में है और आप बिना कुछ सोचे आरोपियों के खातों में पैसे भेजने के लिए तैयार हो जाएंगे। इसी तरह के फ्रॉड के झांसे में आकर पिछले कुछ महीनों में लोग कई लाखों रुपए गंवा चुके हैं।
फोन काटकर फिर से कॉल करें, बच जाएंगे:
साइबर लॉ एक्सपर्ट कहते हैं कि मैजिक वॉइस एप जैसे अन्य आवाज बदलने वाले एप से आने वाले कॉल्स के लिए सबसे बेहतर तरीका रिवर्स कॉल का है। वापस कॉल करने पर यहां फोन नहीं लगेगा। यदि कोई व्यक्ति किसी काम के लिए समय तय करता है तो प्रथम दृष्टया ये फ्रॉड हो सकता है। इसकी तस्दीक जरूर करें। एआई तकनीक के आने के बाद आवाज बदलने के साथ ही परिचितों, रिश्तेदारों की आवाज और उनके बात करने के तरीके को भी कॉपी किया जा सकता है।