फसल के काटने के बाद पराली किसानों की सबसे बड़ी समस्या होती है। इसने निजात पाने के लिए किसान इसमें आग लगा देते हैं, जिसके कारण प्रदूषण होता है और साथ में मिट्टी पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। लेकिन अब एक ऐसी मशीन मार्केट में आई है जो किसानों को इस समस्या से छुटकारा दिला देगी। हम कह सकते हैं कि जहां किसान अपनी फसलों से मुनाफा कमाते हैं तो अब बची हुई पराली से भी कमा पाएंगे। इस मशीन से फ़ार्मिंग भी जीरो वेस्ट की राह पर होने लगेगी।
इस रोचक मशीन का नाम इनस्ट्रॉरीपर है। यह मशीन खेतों के डंठल को भूसे में बदल देती है और साथ में खेत भी साफ कर देती है। इस मशीन के माध्यम से किसान खेत में फसल कटाई के बाद बचे डंठलों को भूसे में बदल सकते हैं। यह भूसा बाजार में अच्छे दाम में बिकता है। इस मशीन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी अच्छी सब्सिडी दे रही है।
अब जानिए की कैसे काम करती है यह मशीन; कृषि अभियांत्रिकी विभाग के एक अधिकारी के अनुसार इस मशीन को हार्वेस्टर के पीछे ट्रेक्टर के माध्यम से चलाया जा सकता है। खेतों में गेंहू की कटाई हार्वेस्टर से हो जाती है, पीछे जो डंठल बच जाते हैं उसे इनस्ट्रॉरीपर मशीन से निकालकर भूसे में बदल दिया जाता है। इसे ट्रेक्टर से जोड़कर पीछे एक ट्रॉली लगाई जाती है जिसमें डेढ़ घंटे में करीब 1 एकड़ जमीन का भूसा तैयार हो जाता है।
बता दें कि इस इनस्ट्रॉरीपर मशीन से पराली की समस्या से छुटकारा मिलने की बहुत अधिक संभावनाएं बन रही है। पराली जलाने के कारण किसानों को कई समस्याओं को झेलना पड़ता था। पराली जलाने से फसलों के मित्र कीट मर जाते हैं और मिट्टी की उर्वरता भी कम होती है। इसी के प्रदूषण भी अधिक होता है जिससे श्वास की बीमारियाँ होती है।