17 नवंबर को मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। 2018 विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार वोटिंग में 2 से ढ़ाई प्रतिशत का इज़ाफ़ा दर्ज किया गया। इसी दौरान प्रदेश की कई सीटों से मारपीट, आगज़नी और गोलीबारी की भी खबरें सुनने में आईं। ऐसा ही एक मामला चंबल की अटेर सीट से भी आया, जहाँ के किशूपुरा क्षेत्र के पोलिंग बूथ क्रमांक 71 में आज रीपोलिंग या फिर से मतदान किया जा रहा है। वजह ये सामने आई कि इस बूथ पर फ़र्ज़ी वोटिंग हुई। एक वीडियो पुलिस को सौंपा गया, जिसमें कुछ लोग एक से ज्यादा बार वोट डालते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के आधार पर निर्वाचन आयोग ने रीपोलिंग के आदेश दिए और आरोपियों के नाम की एफआईआर दर्ज की।
बात तब शुरू हुई, जब अटेर से भाजपा प्रत्याशी और कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने किशूपुरा पोलिंग बूथ पर वोटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाए और मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से की। भदौरिया ने निर्वाचन आयोग को एक वीडियो भी सौंपा, जिसमें कुछ लोगों को 4 से 5 बार वोट डालते दिखाई दे रहे थे। स्थानीय पुलिस के अनुसार वीडियो में दिखे 2 व्यक्तियों के नामों की पुष्टि हो चुकी है, बचे हुए दो अभी अज्ञात हैं। जो नामजद हैं, उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
अब जब साक्ष्य मौजूद हैं तो कार्रवाई तो होनी थी, इसलिए निर्वाचन आयोग ने अटेर विधानसभा की किशूपुरा पोलिंग बूथ पर पुनः वोटिंग करवाने के निर्देश दिए। वोटिंग का समय सुबह 7 से शाम 6 बजे तक रखा गया है। एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें लोग मतदान के लिए जाते हुए दिखाए दे रहे हैं। बात दें कि जिस पोलिंग बूथ पर ये घटना हुई, वह अटेर सीट से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी संजीव बघेल का गृहगांव है। पिछले चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा वोट बसपा के संजीव बघेल को ही मिले थे।
निर्वाचन आयोग के आदेश पर किशूपुरा पोलिंग बूथ क्रमांक 71 पर रीपोलिंग के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। इसके अलावा 8 कांस्टेबल और संबंधित सीएसपी और एडीशनल एसपी को भी बूथ पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान आचार संहिता के नियमों का भी सख्ती से पालन किया जाएगा। ऐसी ही एक शिकायत अटेर से कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत कटारे ने भी की थी। कटारे ने सीट के 16 पोलिंग बूथों पर रीपोलिंग की डिमांड की थी, लेकिन, इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अटेर विधानसभा सीट की राजनीत की बात की जाए, तो यहाँ वर्तमान में भाजपा के अरविंद सिंह भदौरिया विधायक हैं, जो शिवराज सरकार में सहकारिता और लोक प्रशासन मंत्री भी हैं। पिछले चुनावों में इन्हें कांग्रेस के हेमंत कटारे से कड़ी टक्कर मिली थी। जीत का अंतर केवल साढ़े 4 हजार वोटों का था। वहीं बसपा प्रत्याशी जिनके गाँव से ये पूरा मामला सामने आया है, उन्हें लगभग 16 हजार वोट मिले थे।
इस कांटे की टक्कर के चलते सभी प्रत्याशियों ने वोटरों को लुभाने के लिए अपनी ओर से भरसक प्रयास किए, उन्हीं में से एक प्रयास का नतीजा ये पूरी घटना है, जो की मध्यप्रदेश में रीपोलिंग का पहला मामला है।